दिन हो या रात आजकल लोग अपने फोन में WhatsApp और Facebook चेक करते हुए ही बिताते हैं। फोन में चिपके रहने के पीछे वजह यह है कि लोगों को लगता है कि कहीं कोई पोस्ट उनकी नजर से छूट ना जाए। इसी फोन एडीक्शन को लेकर आई एक बड़ी रिसर्च में पता चला है कि दुनिया भर में करीब 30 परसेंट लोग हर रोज कम से कम 1 घंटा अपना ईमेल चेक करते हुए बिताते हैं। साइबर सिक्योरिटी और एंटी वायरस कंपनी मकैफे द्वारा कंडक्ट करवाई गई इस रिसर्च में यह खुलासा हुआ है कि लोग चाहे छुट्टी पर हों या चाहे कोई महत्वपूर्ण पर्सनल काम कर रहे हो तब भी लोग अपना ईमेल चेक करना नहीं भूलते।

 

क्या था सर्वे का मकसद
इस सर्वे का मकसद छुट्टी के दौरान इंटरनेट यूजर्स के बिहेवियर और मनोभावों को जांचना था। रिसर्च में यह दावा किया गया है कि भारत में करीब 60% लोग यह मानते हैं कि कि वो लोग छुट्टी के दौरान भी हर दिन कम से कम एक घंटा अपने ईमेल चेक करने, लिखने और भेजने में समय बिताते हैं। हालांकि आजकल लोग सोशल मीडिया पर भी काफी वक्त बिताने लगे हैं और सोशल मीडिया पर बिताया जाने वाला वक्त अब पहले से लगातार बढ़ रहा है।

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सुकून के पल छोड़कर लोग चिपके रहते हैं स्मार्टफोन से
भले ही यह सभी लोग जानते हैं कि अपने स्मार्टफोन से दूर रहकर वह सुकून के कुछ पल बिता सकेंगे और उन्हें अच्छा महसूस होगा लेकिन फिर भी वह अपनी इस आदत से छुटकारा नहीं पा पाते। मकैफे के 1 सीनियर अधिकारी वेंकट कृष्णापुर ने बताया कि छुट्टियां लोगों को मौका देती हैं कि वो इन डिवाइसेस से कुछ दूर रहकर अपने परिवार और खास लोगों के साथ कुछ सुकून के पल बिता सकें, लेकिन ज्यादातर लोग ऐसा नहीं करते।

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फ्री का वाईफाई मिले तो चिपक जाते हैं लोग
यह रिसर्च यह भी बताती है कि छुट्टियों के दौरान बहुत सारे लोग इंटरनेट एक्सेस करने के लिए असुरक्षित वाईफाई नेटवर्क प्वाइंट्स का इस्तेमाल भी करते हैं। तब वो लोग यह नहीं सोचते की फ्री में मिलने वाले इंटरनेट के कारण वो अपने फोन और उसमें मौजूद व्यक्तिगत जानकारियों को लीक भी करवा सकते हैं। भारत में 4 में से 3 लोग सोशल मीडिया चलाने के लिए फ्री में मिलने वाले वाईफाई नेटवर्क से जुड़ने में जरा भी देर नहीं लगाते, भले ही उसके कारण उनके व्यक्तिगत डेटा या ऑफिशियल डेटा का कोई नुकसान हो जाए। मकैफे का कहना है कि लोगों को सार्वजनिक और अनसेक्योर्ड वाईफाई नेटवर्क का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।

 

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