कानपुर। आम बजट 2020 पेश होने में अब कुछ ही घंटे बाकी रह गए हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को सुबह 11 बजे संसद में बजट पेश करेंगी। इससे पहले शुक्रवार को संसद में देश का आर्थिक सर्वे प्रस्तुत किया गया है। फाइनेंसियल एक्सप्रेस के मुताबिक, आर्थिक सर्वे में पिछले एक साल में भारतीय अर्थव्यवस्था की गतिविधि के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाती है। इसके अलावा, इसमें अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति का खास तौर पर जिक्र होता है, एक तरह से इसमें देश के आर्थिक विकास का सालाना लेखाजोखा होता है। हालांकि, देश का संविधान सरकार को संसद में आर्थिक सर्वे प्रस्तुत करने के लिए बाध्य नहीं करता है, फिर भी पिछले कुछ सालों से केंद्रीय बजट से पहले हर सरकार के लिए आर्थिक सर्वे पेश करना आम बात हो गई है।
कौन तैयार करता है आर्थिक सर्वे
आर्थिक सर्वे मुख्य आर्थिक सलाहकार के मार्गदर्शन में तैयार किया जाता है और इसे केंद्रीय बजट की घोषणा से एक दिन पहले संसद के दोनों सदनों में प्रस्तुत किया जाता है। यह आम लोगों के लिए काफी महत्व रखता है क्योंकि यह उन्हें देश के आर्थिक मामलों की स्थिति के बारे में बताता है और साथ ही उन्हें सरकार के उन प्रमुख आर्थिक फैसलों के बारे में भी जागरूक करता है जो उनके जीवन को काफी हद तक प्रभावित करते हैं। आर्थिक सर्वे देश की आर्थिक दशा के बारे में अनुमान लगाता है और साथ ही उन तत्वों का भी उल्लेख करता है, जिनके आधार पर उसने यह अनुमान लगाया है।
आर्थिक सर्वे का इतिहास
पहला आर्थिक सर्वे वित्त वर्ष 1950-51 में पेश किया गया था। 1964 तक, इसे केंद्रीय बजट के साथ प्रस्तुत किया गया लेकिन बाद में इसे बजट प्रस्तावों को ठीक तरह से समझाने के लिए अलग से पेश किया जाने लगा।