बच्ची की जान बचाने के लिए की नामुमकिन कोशिश
जानकारी के मुताबिक राजस्थान के उदयपुर में एक डॉक्टर सुनील जांगिड़ ने पूरे दक्षिण एशिया में अब तक के सबसे छोटे और सबसे कम वजन वाले बच्चे की जिंदगी को बचा कर ना सिर्फ एक रिकॉर्ड बना दिया है, बल्कि लाखों लोगों के दिलों को छू लिया है। राजस्थान के उदयपुर में मौजूद एक निजी हॉस्पिटल मैं पिछले साल एक बच्ची का जन्म हुआ था जन्म के समय उस बच्ची की लंबाई सिर्फ 22 सेंटीमीटर और उसका वजन मात्र 400 ग्राम था। इस हालत में बच्ची ठीक से सांस भी नहीं ले पा रही थी और उसका शरीर नीला पड़ता जा रहा था। जब बच्ची के मां बाप से लेकर सभी लोग यह मानकर चल रहे थे कि वो जिंदा नहीं बच पाएगी। तब हॉस्पिटल के डायरेक्टर सुनील जांगिड और उनके सहयोगी ने इस बच्ची की जिंदगी बचाने की नामुमकिन चुनौती को स्वीकार कर लिया।
ATM को भी लगती है ठंड, तभी तो हिमाचल में ATM को कंबल ओढ़ाकर जलाए जा रहे हैं रुमहीटर!
अपनी क्यूट स्माइल से करती है डॉक्टर का शुक्रिया
इसके बाद बच्ची को इंटेंसिव केयर यूनिट में रखा गया। शुरुआत में ही बच्चे के शरीर से पानी का वाष्पीकरण होने के कारण उसका वजन और कम हो गया। कमजोर शरीर और प्रीमेच्योर होने के कारण उसकी आंतें और पेट दूध पचाने लायक भी नहीं थी। तो इस कंडीशन में उस बच्ची को ग्लूकोज, सभी तरह के प्रोटीन आदि उसकी नसों में डालकर ही शरीर में पहुंचाए गए। करीब 7 महीनों लंबे इस अथक प्रयास के बाद आज इस बच्ची का वजन करीब ढाई किलो हो गया है और वो पूरी तरह से हेल्दी है। अब उसे अस्पताल से छुट्टी दी जा रही है। डॉ जांगिड़ का दावा है कि इससे पहले पूरे दक्षिण एशिया में इतने कम वजन वाले बच्चे के जिंदा बचने की कोई भी ऑफिशियल रिपोर्ट मौजूद नहीं है। उनके मुताबिक साल 2012 में पंजाब के मोहाली में एक 450 ग्राम वजन के शिशु को उपचार करके बचाया गया था। फिलहाल अभी यह नन्ही सी जान स्वस्थ हो चुकी है और अपनी क्यूट स्माइल से डॉक्टर और अपने पेरेंट्स के अथक प्रयासों के लिए उन्हें धन्यवाद दे रही है।
यूपी में सबसे ज्यादा लोग अपने पड़ोसियों से परेशान हैं? वजहें जानकर रह जाएंगे हैरान
सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों की वो चिट्ठी, जिस पर मचा है बवाल
National News inextlive from India News Desk