कैसे किडनैप हुए इंडियंस
इराक में शिया और सुन्नी समुदाय के बीच मचे घमासान के बीच करीब 18000 भारतीय फंसे हैं. इसी बीच इराक के आईएसआईएस के कब्जे वाले मोसुल शहर से करीब 40 भारतीय निकलने का प्रयास कर रहे थे. इस दौरान यह सभी भारतीय आईएसआईएस के लड़ाकों द्वारा पकड़ लिए गए. यहां यह बात ध्यान देने लायक है कि आईएसआईएस लड़ाके एक बार इस शहर पर कब्जा कर चुके हैं. लेकिन बाद में कुर्दिश सेना पेशमरगास ने इस शहर को कब्जे से छुड़ा लिया था.
मोसुल में फसी है 46 नर्सें
आईएसआईएस लड़ाकों द्वारा कैद किए जाने वाले 40 भारतीय नागरिकों के अलावा मोसुल शहर में करीब 46 भारतीय नर्सें भी फंसी हुई हैं. इस बारे में भारतीय दूतावास विदेश मंत्रालय को जरूरी जानकारी अवेलेबल करा रहे हैं. भारतीय दूतावास के अधिकारी यूएन असिस्टेंस मिशन इन इराक (यूएनएएमआई) और इराकी अधिकारीयों के लगातार संपर्क में है जिससे हिंसा प्रभावित इराकी इलाकों में फंसे भारतीयों की सुरक्षा दी जा सके.
सरकार ने जारी की सिर्फ एडवाइजरी
इस बारे में भारत सरकार ने कोई प्रतिक्रिया जाहिर नही की है. विदेश मंत्रालय ने अभी तक सिर्फ इराक में ट्रेवल ना करने और सुरक्षित रूप से इराक से बाहर निकलने को कहा है. हालांकि सरकार ने कहा है कि इराक में भारतीय नागरिकों की स्थिति पर लगातार निगाह रखी जा रही है.
इराकी अधिकारियों के सम्पर्क में विदेश मंत्री
भारतीय नागरिकों को इस समस्या से निकालने के लिए भारत सरकार ने कहा है कि स्वयं विदेश मंत्री इस मामलें पर निगाह रख रही हैं. सरकार इराकी अधिकारियों के सहयोग से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित करने की कोशिशों में लगी हुई है.
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