सुरक्षित निकल रहे थे पर पकडे़ गए
इराक से फोन कर रहे अगवा नागरिकों ने बताया है कि उन्हें धोखे से पकड़ा गया है. इन नागरिकों के अनुसार वे लोग इराक के मोसुल शहर में फंसे हुए थे, चारों ओर गोलियों की आवाजें आ रही थीं. ऐसी सिचुएशन में करीब इन 40 लोगों ने मोसुल शहर से निकलने का डिसीजन लिया. लेकिन जब वे बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे तभी कुछ हथियारबंद लोगों को बताया कि उन्हें किसी और जगह काम पर जाना है. इसके बाद इन 40 नागरिकों को कहां ले जाया गया इस बारे में कोई जानकारी अभी तक अवेलेबल नही है.
मां को क्या बताया धर्मेंद्र और हरसिमरनजीत सिंह ने
गुरुदासपुर के रहने वाले धर्मेंद्र जो सुन्नी विद्रोहिओं द्वारा अगवा किए गए 40 लोगों में से एक है, ने बीते रविवार को अपने घरवालों को कॉल करके इराक के पल पल बिगड़ते हालात के बारे में बताया. धर्मेंद्र के मुताबिक उन्हें कुछ हथियारबंद लोग एक जीप में बिठा कर कहीं ले गए, जहां उन्हें बंद कर दिया गया. इस फोन कॉल के बाद धर्मेंद्र के घर वाले उनको लगातार फोन कर रहे हैं लेकिन उनका फोन कोई रिसीव नही कर रहा है. धर्मेंद्र के अलावा पंजाब के ही हरसिमरनजीत सिंह ने भी 15 जून से पहले अपनी मां को बताया था कि उनकी किसी दूसरी जगह काम करने ले जाया जा रहा है. इसके बाद से ही हरसिमरनजीत सिंह का फोन बंद है.
जालंधर के गगनदीप ने भी किया कॉल
इराक से कॉल करने वालों में जालंधर के गगनदीप भी शामिल हैं. हालांकि गगनदीप को अगवा नही किया गया है. गगनदीप ने अपने घरवालों को कॉल करके यह बताया है कि वह एक कमरे में बंद है जहां फायरिंग की आवाजें आ रही हैं. इसके साथ ही गगनदीप ने बताया कि उनके के पास पासपोर्ट नही है और कई महीनों से सैलरी भी नही मिली है. इसलिए वह अब तक इंडिया नही आ सके हैं.
पंजाब के गोबिंदर भी थे मोसूल में
इराक के मोसुल शहर से कॉल करने वालों में कपूरथला के गोबिंदर का नाम भी शामिल है. गोबिंदर के परिवार वालों का कहना है कि उनका बेटा दस महीने पहले इराक गया था. गौरतलब है कि गोबिंदर उसी मोसुल शहर में रहता था जहां से ही 40 इंडियंस को किडनेप किया गया है. गोबिंदर की फेमिली के अनुसार पिछली 15 तारीख के बाद से उनके बेटे का कुछ अता-पता नहीं है.
विदेश मंत्री से मिलेंगी बिलखती मांए
इन अगवा नागरिकों की फेमिलीज में से एक हरसिमरनजीत सिंह की मां ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मिलना तय किया है. इसके साथ ही विदेश मंत्रालय के स्पोक्सपर्सन सैयद अकबरूद्दीन ने बताया है कि अगवा भारतीयों में से अधिकतर उत्तर भारत से हो सकते हैं. यह सभी नागरिक इराक के मोसुल शहर में एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के लिए काम कर रहे थे.
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