इतिहास रच दिया

भारतीय मूल की नीना दावुलुरी ने सोमवार को ‘मिस अमेरिका 2014’ का खिताब अपने नाम कर इतिहास रच दिया. 53 अमेरिकी सुंदरियों को पछाडक़र मिस अमेरिका का ताज पहनने वाली वह भारतीय मूल की पहली महिला हैं. इससे पहले नीना मिस न्यूयॉर्क का खिताब भी अपने नाम कर चुकी हैं.

बॉलीवुड शैली के नृत्य के जरिए उन्होंने जजों को काफी प्रभावित किया. करीब छह वर्ष तक लास वेगास में आयोजित होने के बाद यह सौंदर्य प्रतियोगिता फिर से न्यूजर्सी के अटलांटिक सिटी में आयोजित हुई. अपने पिता की तरह डॉक्टर बनने की हसरत रखने वाली 24 वर्षीय नीना को पचास हजार डॉलर (करीब 31 लाख 34 हजार रुपये) की छात्रवृति मिलेगी।

भारतीय संस्कृति

उन्होंने कहा, ‘मुझे इस बात की खुशी है कि मंच पर विविधता को स्वीकार किया गया. मुझे हाल के वर्षों में अपनी संस्कृति को लेकर गलत धारणाओं का सामना करना पड़ा है. लोग पूछते हैं कि क्या मेरे मां बाप मेरी शादी का फैसला करेंगे, जैसा की आमतौर पर भारतीय संस्कृति में होता है.’ मिस न्यूयॉर्क का खिताब जीतने वाली वह भारतीय मूल की पहली सुंदरी थीं. उन्होंने मिशीगन यूनिवर्सिटी से मस्तिष्क विज्ञान में पढ़ाई की है. नीना ने कहा,‘पहली भारतीय-अमेरिकी के तौर पर मिस अमेरिका बनने पर मैं खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही हूं.

प्लास्टिक सर्जरी से परहेज

जिस समय विजेता के तौर पर नीना के नाम की घोषणा की गई वह पीले रंगे के गाउन में मौजूद थी. उन्होंने अपनी आंखों से छलकते आंसुओं को पोंछते हुए लोगों का अभिवादन किया. उन्हें पूर्व मिस अमेरिका मेलोरी हेगन ने ताज पहनाया. प्रतियोगिता के दौरान नीना से टेलीविजन प्रस्तोताओं द्वारा अपने रंग रूप को बदलने के लिए कराई गई प्लास्टिक सर्जरी के संबंध में राय मांगी गई थी. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि वह प्लास्टिक सर्जरी के खिलाफ है. लोगों को अपने रंग रूप को लेकर आश्वस्त रहना चाहिए और अपना फैसला खुद लेना चाहिए. प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर मिस कैलिफोर्निया क्रिस्टल ली जबकि मिस ओकलाहोमा केसले ग्रिसवोल्ड तीसरे स्थान पर रहीं.

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