डालर के लिहाज़ से बात की जाए तो यह भारत के किसी भी चित्रकार की सबसे महंगी बिकने वाली कलाकृति है.
इससे पहले यह रिकॉर्ड एसएच रज़ा के नाम था. क्रिस्टी ने बताया कि इस पेंटिंग को अमरीका के एक व्यक्ति ने खरीदा है.
पिछली सदी का सफर
इस दौरान क्रिस्टी ने कुल 83 कलाकृतियों को 102 करोड़ रुपये में बेचा. भारतीय समकालीन कलाकृतियों की यह दूसरी सबसे महंगी नीलामी है.
भारत के पिछले 100 सालों के कला इतिहास को इसमें समेटने की कोशिश है.
क्रिस्टी के अंतरराष्ट्रीय मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) स्टीवन मर्फी ने बताया, "बेहतरीन नीलामी वो होती है जहां कलाकृतियां खुद बोलती हैं" और निलामी घऱ अगले दिसंबर या उससे पहले मुंबई दोबारा आएगा.
बिक्री के लिहाज़ से दूसरे और तीसरे स्थान पर तैय्यब मेहता की पेटिंग रहीं, जिन्हें 19.78 करोड़ रुपये और 9.86 करोड़ रुपये में खरीदा गया.
फिर आएगी क्रिस्टी
क्रिस्टी ने साल 1766 में लंदन में अपनी पहली नीलामी में भी बिक्री के लिए भारतीय कलाकारों की चार कलाकृतियों को शामिल किया था. अब 247 साल बाद क्रिस्टी भारत में पहली बार नीलामी शुरू कर रहा है.
इसमें भारत के नामचीन कलाकारों मक़बूल फ़िदा हुसैन, राम कुमार, जैमिनी रॉय, एसएच रज़ा एवं नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रवींद्रनाथ टैगोर, अमृता शेरगिल और नंदलाल बोस की कलाकृतियां शामिल हैं.
रवींद्र नाथ टैगोर, अमृता शेरगिल और नंदलाल बोस की कलाकृतियों को राष्ट्रीय कला धरोहर का हिस्सा माना गया है, इसलिए उनके काम को विदेश ले जाना संभव नहीं होगा.
क्रिस्टी के मुताबिक़ इस नीलामी का मकसद एशियाई ख़रीदारों को आकर्षित करना है. इसे सिलसिले में क्रिस्टी ने बीते सितंबर में चीन में अपनी पहली नीलामी की थी.
दुनियाभर में छाई आर्थिक मंदी के बीच में भारत का कला बाज़ार साल 2008 से ही मंदी झेल रहा है. हालांकि इस नीलामी को मिली कामयाबी के बाद कलाप्रेमी उत्साहित हैं.
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