कानपुर। हर साल 8 अक्टूबर को भारतीय वायु सेना दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष भारतीय वायु सेना अपनी 87वीं वर्षगांठ मनाने जा रही है। बता दें कि भारतीय वायु सेना भारत की सशस्त्र सेनाओं का एक हिस्सा है जिसका मुख्य उत्तरदायित्व भारतीय वायु-स्थल की सुरक्षा तथा संघर्ष के दौरान विमानों का इस्तेमाल करना है। इस मौके पर हम भारतीय वायु सेना के महत्त्व, इतिहास और ताकत के बारे में जानेंगे।
भारतीय वायु सेना का इतिहास
भारतीय वायु सेना का गठन 8 अक्टूबर, 1932 को हुआ था। भारतीय वायु सेना की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, इंडियन एयरफोर्स के वायुयान ने अपनी पहली उड़ान 1 अप्रैल, 1933 को भरी थी। उस समय इसमें RAF द्वारा प्रशिक्षित छह अफसर और 19 हवाई सिपाही (शताब्दिक तौर पर वायुयोद्धा) थे। बताया जाता है कि भारतीय वायु सेना की स्थापना ब्रिटिश साम्राज्य की वायु सेना की एक इकाई के तौर पर हुई थी। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इसके नाम में रॉयल शब्द जोड़ा गया था लेकिन स्वतंत्रता मिलने के बाद 1950 में हटा दिया गया था।
भारतीय वायु सेना का महत्त्व
बता दें कि भारत के आजाद होने के बाद से भारतीय वायु सेना चार युद्धों में कार्यवाई कर चुकी है जिनमें से तीन पाकिस्तान एवं एक चीन के खिलाफ रहे। भारतीय वायु सेना के अन्य प्रमुख ऑपरेशनों में शामिल हैं, ऑपरेशन विजय- द एनेक्शेसन ऑफ गोवा, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस, ऑपरेशन पूमलाई, सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट एयर स्ट्राइक। इसके अलावा भारतीय वायु सेना संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना कार्यों में भी सहयोग कर चुकी है। इस वक्त भारतीय वायु सेना के प्रमुख राकेश कुमार सिंह भदौरिया हैं। बता दें कि भारतीय वायु सेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायु सेना है।
भारतीय वायु सेना की ताकत
भारतीय वायु सेना के बेड़े में सुखोई-30 एमकेआई, मिराज 2000, मिग-29, मिग 27, मिग-21 और जगुआर फाइटर जेट है। इसके अलावा हेलिकॉप्टर श्रेणी में वायु सेना के पास एमआई-25/35, एमआई-26, एमआई-17, चेतक और चीता हेलिकॉप्टर हैं, जबकि ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट में सी-130 जे, सी-17 ग्लोबमास्टर, आईएल-76, एए-32 और बोइंग 737 जैसे प्लेन शामिल हैं। बता दें कि भारतीय वायु सेना के पास करीब 1.40 लाख जवान हैं।
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