कानपुर। भारत बनाम इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा टेस्ट शनिवार को नॉटिंघम के ट्रेंट ब्रिज में खेला जाएगा। भारत इस सीरीज में 0-2 से पिछड़ा है। ऐसे में भारतीय कप्तान विराट चाहेंगे कि उनकी टीम तीसरा मैच जीतकर सीरीज में वापसी करे। विराट के लिए यह मैच करो या मरो वाला होगा, हारते ही सीरीज भी उनके हाथ से चली जाएगी फिर बाकी के दो मैच अगर वह जीत भी लेंगे तब भी सीरीज में 2-3 से पिछड़ जाएंगे। वैसे आपको बता दें ट्रेंट ब्रिज में टीम इंडिया ने पिछले 60 सालों में सिर्फ एक टेस्ट जीता है।
दुनिया का दूसरा सबसे पुराना क्रिकेट मैदान
ट्रेंट ब्रिज क्रिकेट ग्राउंड की बात करें तो यह लॉर्ड्स के बाद दुनिया का दूसरा सबसे पुराना क्रिकेट मैदान है। ईएसपीएन क्रिकइन्फो के डेटा के मुताबिक, लॉर्ड्स का निर्माण जहां 1814 में हुआ था तो वहीं ट्रेंट ब्रिज 1841 में बनकर तैयार हुआ था। मगर इस मैदान पर पहला टेस्ट 1899 में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया था उससे पहले इस मैदान पर क्लब मैच हुआ करते थे। इसके अलावा वनडे मैचों की बात करें तो 1974 में पाकिस्तान बनाम इंग्लैंड मैच के साथ इस ग्राउंड का वनडे मैच का दर्जा मिल गया। वहीं टी-20 इंटरनेशनल में पहला मैच भारत ने यहां खेला था। 2009 में बांग्लादेश और भारत का टी-20 में आमना-सामना हुआ था।
इसका आकार है अजीबोगरीब
17 हजार दर्शक क्षमता वाले ट्रेंट ब्रिज का आकार ही इसकी पहचान है। अधिकतर क्रिकेट मैदान गोल होते हैं, लेकिन इसका आकार लगभग षटकोण जैसा है। ऐसे स्टेडियम न्यूजीलैंड में मिलते हैं लेकिन वह उतने पुराने नहीं है। टेस्ट क्रिकेट देखने के लिए यह सर्वश्रेष्ठ जगह है। इसके आकार के कारण ही हर जगह से मैच विशेष तरह से दिखाई देता है जबकि बाकी मैदानों में कुछ क्षेत्र ही ऐसे होते हैं जहां से मैच देखने में मजा आता है। यही कारण है कि इस स्टेडियम में कई बार परिवर्तन किया गया लेकिन इसके मैदान के आकार में परिवर्तन नहीं किया गया। हम इतिहास को बरकरार रखने में यकीन रखते हैं।
एयरक्राफ्ट की तरह बनी है छत
इस स्टेडियम से सटा हुआ ही ट्रेंट ब्रिज इन रेस्तरां है जिसके कुछ गेट स्टेडियम के अंदर ही खुलते हैं। इसकी मालकिन के पति विलियम क्लार्क ने इसे मैदान के तौर पर डेवलप किया। वह ऑल इंग्लैंड क्रिकेट टीम के कप्तान भी थे। इसके बाद इसमें लगातार बदलाव होते रहे। 1990 में यहां नया विलियम क्लार्क स्टैंड बनाया गया तो 1998 में रेडक्लिफ रोड क्रिकेट सेंटर बना। आसपास के लोगों के विरोध के बावजूद 2002 में एयरक्राफ्ट विंग की तरह एक स्टैंड की छत बनाई गई है जिसने इसे और भी खूबसूरत बना दिया है। 2008 में यहां फ्लड लाइट लगाईं गईं और इसके बाद यहां डे-नाइट मैच भी होने लगे। इसकी दर्शक क्षमता 17500 है। इस स्टेडियम के पास में ही ट्रेंट नदी बहती है और उस पर एक ऐतिहासिक ब्रिज बना हुआ है। उसी के नाम पर इस स्टेडियम को ट्रेंट ब्रिज स्टेडियम कहा जाता है।
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