तीसरा वनडे हारते ही सीरीज भी गंवा दी
कानपुर। भारत और इंग्लैंड के बीच तीन वनडे मैचों की सीरीज का आखिरी मैच भारत 8 विकेट से हार गया। भारतीय कप्तान विराट कोहली को उम्मीद थी कि, टी-20 की तरह वनडे का यह निर्णायक मैच अपने नाम करेंगे, मगर ऐसा हुआ नहीं। इस मैच में इंग्लैंड ने जो रूट और मॉर्गन की शानदार बल्लेबाजी के दम पर तीन वनडे मैचों की सीरीज 2-1 से जीत ली। आखिरी वनडे में इंग्लैंड के कप्तान इयोन मोर्गन ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी करने का फैसला किया। भारत ने पहले बल्लेबाज़ी करते 50 ओवर में 8 विकेट के नुकसान पर 256 रन बनाए। इंग्लैंड को जीत के लिए 257 रन का लक्ष्य मिला था जिसे मेजबान टीम ने 8 विकेट शेष रहते 44.3 ओवर में हासिल कर लिया। इंग्लैंड की तरफ से रूट 100 रन जबकि मॉर्गन 88 रन बनाकर नाबाद रहे। मेजबान टीम ने 44.3 ओवर में 2 विकेट पर 260 रन बनाए।
इंग्लिश गेंदबाज ने किया था खुलासा
इंग्लैंड को उन्हीं की धरती पर हराना कभी भी आसान नहीं रहा। इस बार तीन वनडे मैचों की सीरीज का पहला मैच जीतकर भारतीय कप्तान विराट कोहली ने थोड़ी उम्मीद जगाई थी, मगर दूसरा और तीसरा वनडे हारते ही भारत के हाथों से सीरीज निकल गई। टीम इंडिया की इस हार की वजह कुछ और नहीं बल्कि वो प्लॉन था जिसके फेर में फंसते ही भारत हार गया। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक इंग्लैंड के तेज गेंदबाज मार्क वुड ने प्री-मैच प्रेस कांफ्रेंस में कहा था, 'दूसरे वनडे में हमारे बल्लेबाजों ने कुलदीप के खिलाफ जिस तरह से बल्लेबाजी की उससे थोड़ी बहुत राहत मिली है। यादव ने भले ही पिछले मैच में तीन विकेट निकाले मगर बल्लेबाजों ने उनके खिलाफ रन बनाए और कुलदीप का दबाव में लाने की कोशिश की।'
पहले ओवर में विकेट न देने की रणनीति काम आई
इंग्लैंड ने कुलदीप पर काफी होम वर्क किया था। वुड ने कहा था, 'कुलदीप की सफलता की बड़ी वजह है उनका पहले ओवर में विकेट चटकाना। अगर उसे (कुलदीप) को पहले ओवर में विकेट मिल जाती है तो उनका कांफिडेंस बढ़ जाता है। ऐसे में हमें चाहिए कि उनका पहला ओवर खाली जाने दे। अगर कुलदीप को विकेट नहीं मिलेंगी तो वह दबाव में आएगा जिससे मोमेंटम हमारी तरफ शिफ्ट हो जाएगा।' मंगलवार को हेडिंग्ले में खेले गए तीसरे मुकाबले में इंग्लिश बल्लेबाजों ने यही किया।
स्पिनर्स का नहीं चला जादू
सीरीज के निर्णायक मैच में जब भारतीय बल्लेबाजों ने 256 रन का छोटा स्कोर बनाया तो जीत की जिम्मेदारी गेंदबाजों पर आ गई। भारत को यह मैच जीतने के लिए इंग्लैंड को ऑलआउट करना था। हर किसी को लगा कि कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की जोड़ी यह काम आसान कर देगी। मगर हुआ इकस उल्टा, कुलदीप ने जहां 10 ओवर में बिना कोई विकेट लिए 55 रन दिए तो वहीं चहल की खूब पिटाई हुई। उन्हें भी कोई विकेट नहीं मिला और 41 रन भी गंवा दिए।
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