मोदी के संबोधन का अंश
मुझे आसियान-भारत समिट में हिस्सा लेने का मौका मिला है. म्यांमार की धरती पर आकर प्रसन्नता हो रही हे. म्यांमार के साथ हमारे सांस्कृतिक व ऐतिहासिक संबंध तो हैं ही. इसके अलावा म्यांमार के भारत पूर्व भाग का प्रवेश द्वार है. प्रेसीडेंट महोदय, मैं स्वागत और आदर सत्कार कें लिये धन्यवाद देता हूं. इस उत्तम व्यवस्था के लिये बधाई देता हूं. भारत में अभी-अभी चुनाव हुये, नई सरकार के 6 महीने हुये हैं. इस दौरान जितनी प्रबलता और गतिशीलता से मेरी सरकार ने पूर्व की ओर ध्यान दिया है. इसी का प्रमाण है कि हमने हर क्षेत्र में साथ चलने का प्रण किया है. जितने भी देश आज के समिट में हिस्सा ले रहे हैं. उनके साथ हमारे गहरे रिश्ते तो हैं ही, लेकिन आसियान के संबंध में भी हमारा उतना ही गंभीर रवैया है. आसियान ने वर्ल्ड को दिखाया है कि एकता, एकाग्रता के साथ कैसे आगे बढ़ा जा सकता है.

आसियान कम्यूनिटी भारत के पड़ोसी मुल्क
आज पूरे एशिया-पेसिफिक क्षेत्र को आपसी सहयोग की उम्मीद है. इसे हासिल करने के लिये ASEAN की ओर देखते हैं और मकसद को पूरा करने में अब तक इस संगठन ने अहम भूमिका निभाई है. आसियान कम्यूनिटी भारत के पड़ोसी मुल्क है. इन देशों के साथ बहुत साल पहले से हमारे व्यापारिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, कलात्मक और पारंपरिक रिश्ते रहे हैं. संवाद के जरिये एक-दूसरे को आगे भी ले गये हैं. तेजी से बढ़ना भारत और आसियान एक-दूसरे के मजबूत साझेदार हो सकते हैं. हम दोनों इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बनाने के पक्ष में हैं. इस सपने का साकार करने में हम बहुत हद तक सफल भी रहे हैं. हमनें एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी की नींव रखी है. लेकिन हमनें अपनी क्षमता की तुलना में कम सफलता हासिल की है. भारत में विकास, औद्योगिकरण और व्यापार के नए युग की शुरुआत हुई है. हम अब लुक ईस्ट पॉलिसी से एक्ट ईस्ट पॉलिसी की ओर बढ़ रहे हैं.        

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