सिंगल डिजिट में रहेगी वेतन वृद्धि
नई दिल्ली (प्रेट्र)। वित्त वर्ष 2018-19 में वेतन वृद्धि सिंगल डिजिट में ही रहने की संभावना है। 18 सेक्टर के 270 संस्थानों के आंकड़ों पर आधारित डाटा पर गौर करें तो इस वित्त वर्ष वेतन वृद्धि में औसतन 9.6 फीसदी की बढ़ोतरी रहेगी। भारत में केपीएमजी के पीपुल एंड चेंज एडवाइजरी सर्विसेज के पार्टनर एवं हेड विशाल्ली डोंगरी ने कहा कि सैलरी में बढ़ोतरी का यह औसत एनुअल कंपनसेशन ट्रेंड्स सर्वे 2018-19 में भाग लेने वाले संस्थानों द्वारा उपलब्ध आंकड़ों पर आधारित है। 2017-18 में औसतन 9.7 प्रतिशत के वेतन वृद्धि का अनुमान लगाया गया था, जो वास्तव में 9.4 प्रतिशत ही रहा।
सक्षम कर्मचारियों को 14.7 फीसदी
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 75 प्रतिशत संस्थान क्षमतावान कर्मचारियों को औसतन 14.7 फीसदी की वेतन वृद्धि देने के लिए तैयार हैं। डोंगरी ने कहा कि तकरीबन सभी सेक्टरों में संस्थान अपने एचआर प्राथमिकताओं के तहत सिस्टम को फिर से व्यवस्थित कर रहे हैं ताकि वे ज्यादा काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन पर ध्यान दे सकें। 2017-18 में वैरिएबल पे के लिए 15.4 प्रतिशत का औसत अनुमान लगाया गया था जो वास्तव में बढ़कर 15.7 प्रतिशत रहा था। इसमें परफार्मेंस पर आधारित वित्तीय लाभ भी शामिल था।
फाइनेंस में सबसे ज्यादा वैरिएबल पे
सीटीसी के लिहाज से देखें तो सबसे ज्यादा वैरिएबल पे फाइनेंशियल सेक्टर में देखा गया जबकि सबसे कम एनजीओ सेक्टर में रहा था। रिपोर्ट वेतन एवं भत्तों के विभिन्न मदों के प्रचलन पर आधारित था। इनमें भत्ते, पेशकश, वेतन वृद्धि की दर, सुविधाएं, कर्मचारियों के काम की हालत और 2018 के लिए उनके एचआर ट्रेंड शामिल थे। इस साल विश्लेषण के लिए सर्वे में 18 सेक्टर की 272 से ज्यादा कंपनियां शामिल हुईं थीं।
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