मुश्किल है मेजबानी
बीते 21 नवंबर को बीसीसीआई में सुप्रीम कोर्ट की बनाई प्रशासकों की समिति (सीओए) की बैठक में एशिया कप की मेजबानी का मसला उठा था। इस बैठक के मिनट्स के मुताबिक भारत के लिए एशिया कप की मेजबानी करना अब मुश्किल लग रहा है। वर्ष 2018 के सितंबर महीने में एशिया कप खेला जाना है। भारत सरकार ने अभी तक पाकिस्तान की क्रिकेट टीम को भारत आने की इजाजत नहीं दी है और अगर सरकार यह मंजूरी नहीं देती है तो बीसीसीआइ को जल्द से जल्द एशियन क्रिकेट काउंसिल को सूचित करना होगा ताकि वह एशिया कप की मेजबानी के लिए कोई टूसरा विकल्प तलाश ले।
अंडर-19 में भी हुआ ऐसा
सीओए को बीसीसीआई द्वारा दी गई इस जानकारी का साफ-साफ मतलब है कि भारत के लिए अब एशिया कप की मेजबानी करना मुश्किल है। इससे पहले सरकार ने अंडर-19 एशिया कप में भी पाकिस्तान की टीम को आने की इजाजत नहीं दी थी जिसके चलते भारत से इसकी मेजबानी छिन चुकी है। पिछले दिनों बोर्ड के अधिकारियों ने केंद्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ से मुलाकात भी की थी लेकिन इस मसले का कोई हल नहीं निकल सका। बोर्ड को उम्मीद थी कि जिस तरह से एथलेटिक्स की एशियाई चैंपियनशिप में पाकिस्तान के एथलीटों को भारत आने की मंजूरी दी गई थी वैसे ही एशिया कप के लिए भी मंजूरी मिल जाएगी लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है।
2013 में खेला था आखिरी मैच
भारत और पाकिस्तान के बीच आखिरी बार द्विपक्षीय सीरीज 2012-13 में खेली गई थी। दोनों देशों के बीच क्रिकेट ना होने के मसले को लेकर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड आइसीसी का दरवाजा भी खटखटा चुका है जहां उसने बीसीसीआइ से 70 मिलियन डॉलर के हर्जाने की भी मांग की है।
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