कानपुर। भारत बनाम न्यूजीलैंड के बीच पांच मैचों की वनडे सीरीज का पहला मैच भारत ने 8 विकेट से जीत लिया। यह मैच नेपियर के मैक्लेन पार्क में खेला गया था। मैच के दौरान मैदान पर एक ऐसा वाक्या हुआ जिसे पहले न किसी ने देखा, न सुना था। दरअसल भारतीय बैटिंग के दौरान मैच को इसलिए रोकना पड़ा क्योंकि सूरज की रोशनी काफी तेज थी। भारत की पारी के 10 ओवर हो चुके थे और भारतीय बल्लेबाजों को गेंद का सामना करने में दिक्कत आ रही थी। उस वक्त सूरज डूबने जा रहा था ऐसे में उसकी तेज रोशनी सीधे बल्लेबाज की आंखों पर पड़ रही थी। ऐसे में अंपायर को मैच बीच में रोकना पड़ा और करीब 30 मिनट तक मैच नहीं खेला गया। क्रिकेट जगत में इस तरह का मैच विराम पहली बार देखा गया।
टोस्ट जलने से रुक गया मैच
साल 2017 में ब्रिसबेन के एलन बाॅर्डर मैदान पर न्यू साउथ वेल्स और क्वींसलैंड के बीच एक घरेलू मैच खेला जा रहा था। वेल्स की टीम जीत के काफी करीब थी। तभी फील्डिंग कर रहे वेल्स के गेंदबाज नाॅथन लाॅयन मैदान छोड़कर बाहर चले गए। रेस्ट रूम में आते ही लाॅयन ने टोस्टर पर टोस्ट सेंकना शुरु किया मगर टोस्ट काफी जल गया और धुंए की वजह से रूम का फाॅयर अलार्म बज उठा। फिर क्या पूरे मैदान में हड़कंप मच गया। मैच रोक दिया गया और मैदान पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियां तक आ गईं। मैच करीब आधे घंटे से ज्यादा समय तक रुका रहा और बाद में पता चला कि यह एक टोस्ट की वजह से हुआ।
चलते मैच में घुस आई कार
दो साल पहले दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बीच खेले गए रणजी मैच में उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक कार मैदान में घुस आई। ये कार मैदान में काफी देर तक चक्कर लगाती रही। दो-तीन बार पिच पर से भी होकर गुजरी। कार को इस तरह मैदान में चक्कर काटते देख अंपायर और खिलाड़ी शांत खड़े रहे। बाद में सिक्योरिटी गार्ड ने कार ड्राइवर को पकड़कर पुलिस के हवाले किया।
बाॅल की बजाए चूहा पकड़ने भागे फील्डर
साल 1957 की बात है, ग्लूकोस्टर में डर्बीशायर काउंटी चैंपियनशिप खेली जा रही थी। टूर्नामेंट के एक मैच में खिलाड़ी उस वक्त हैरान हो गए जब एक जंगली चूहा मैदान में घुस आया। ये चूहा मैदान में इधर से उधर दौड़ लगाने लगा। अंपायर सहित सभी खिलाड़ी चूहे को भगाने में लग गए। मगर आखिर में सफलता विकेटकीपर को मिली। चूंकि वह दस्ताने पहना था ऐसे में उसने चूहे को आसानी से पकड़ लिया और मैदान के बाहर कर दिया।
सांप ने फैलाई दहशत
2009 में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में अंडर-17 मैच हो रहा था। ये मैच 20 मिनट तक इसलिए रुका रहा क्योंकि एक काला सांप मैदान में घुस आया था। जब तक सुरक्षाकर्मियों ने उसे बाहर नहीं निकाला, मैच रुका रहा। यही नहीं ऑस्ट्रेलिया में एक बार और सांप की वजह से मैच में खलला पड़ा था। दरअसल एक मैच में गेंदबाज गेंद फेंक चुका था तभी बल्लेबाज को पिच पर सांप दिखाई दिया। उसने गेंद को मारने के बजाए अपने बल्ले से सांप को मार दिया। बाद में बल्लेबाज को लगा कि वह स्टंप आउट न हो जाए इसलिए उसने पीछे मुड़कर देखा मगर तब तक विकेटकीपर सांप के डर से काफी दूर भाग चुका था।
मैदान पर गिरने वाला था बम
जुलाई 1944 की बात है, लाॅर्ड्स मैदान पर आर्मी और राॅयल एयर फोर्स के बीच एक मैच खेला जा रहा था। तभी अचानक पता चला कि जर्मन बम मैदान पर गिरने वाला है। फिर क्या, देखते ही देखते सभी खिलाड़ी मैदान पर लेट गए। हालांकि बम जब तक ग्राउंड पर आकर गिरता उसे पहले ही बाहर कर दिया गया।
चूहे ने मचाया धमाल
1957 में केंट की टीम हैंपशाॅयर के खिलाफ एक मैच खेल रही थी कि तभी एक चूहा मैदान में आ गया। चूहे को मैदान में धमाल मचाते देख मैच बीच में रोक दिया गया। बाद में चूहे का मालिक आया और अपनी टोपी में चूहे को बिठाकर बाहर चला गया।
सूर्य ग्रहण की वजह से नहीं हुआ मैच
फरवरी 1980 की बात है, इंग्लैंड टीम भारत दौरे पर थी। मुंबई में भारत और इंग्लैंड के बीच एक टेस्ट मैच खेला गया। तब टेस्ट में बीच में एक रेस्ट डे होता था हालांकि दूसरे दिन भी मैच नहीं हुआ क्योंकि उस दिन पूर्ण सूर्यग्रहण था। खैर भारत यह मैच 10 विकेट से हार गया था।
गर्मी में बर्फ से ढक गया पूरा मैदान
2 जून 1975 को इंग्लैंड में डर्बीशाॅयर चैंपियनशिप का मैच खेला जा रहा था। चूंकि ये समर सीजन होता है ऐसे में लैंकशाॅयर और डर्बीशाॅयर की टीमें मैदान में खेलने उतरी। पहले दिन लैंकशाॅयर ने पांच विकेट पर 477 रन पर पारी घोषित की। इसके बाद दूसरी टीम ने दो विकेट खोकर 25 रन बना दिए। अगले दिन सुबह जब खिलाड़ी मैच खेलने आए तो बारिश शुरु हो गई। देखते-देखते बर्फ भी पड़ने लगी। कुछ मिनटों में ही पूरा मैदान और स्टेडयिम बर्फ से ढक गया। इसके बाद मैच को रद कर दिया गया।
जब गेंद हो गई गरम
साल 1995 में साउथ अफ्रीका के पार्ल में एक घरेलू मैच खेला जा रहा था। मैच के दौरान बल्लेबाज डेरेल कुलिनेन ने गेंदबाज रोजर की गेंद पर इतना लंबा छक्का मार कि गेंद सीधे स्टैंड में जा गिरी। हालांकि गेंद वहां मैच देख रहे एक दर्शक के खाने में गिरी। चूंकि खाना बहुत गर्म था, ऐसे में गेंद भी काफी गरम हो गई। बाद में अंपायर गेंद के ठंडे होने का इंतजार करते रहे ताकि उसे साफ किया जा सके। इस दौरान मैच काफी देर तक रुका रहा।
बिना गेंद के कैसे खेला जाए मैच
भारत बनाम इंग्लैंड के बीच 1982 में दिल्ली में एक टेस्ट मैच खेला जाना था। दोनों टीमों के खिलाड़ी मैदान पर आए गए। सबकुछ तैयारी हो गई मगर तभी पता चला कि अंपायार के पास गेंद ही नहीं है। दरअसल अंपायर ने जिस कपबोर्ड में गेंद रखी थी उसकी चाभी खो गई थी। ऐसे में मैच थोड़ी देर बाद शुरु हो पाया।
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