लंदन (पीटीआई)। भारत के सलामी बल्लेबाज के एल राहुल ने चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे के जल्दी फार्म में लौटने का आश्वासन दिया है।
इन दोनों का समर्थन करते हुए राहुल ने कहा कि दोनों बल्लेबाज वर्ल्ड क्लाॅस बैट्समैन हैं और यह जानने के लिए काफी अनुभवी हैं कि रनों के बीच वापसी करने के लिए क्या करना पड़ता है। पुजारा और टेस्ट उप-कप्तान रहाणे की अनुभवी जोड़ी का इस साल 20 का औसत रहा है। पुजारा ने जहां इंग्लैंड में अब तक की तीन पारियों में 4, 12 नाबाद और 9 रन बनाए हैं, वहीं रहाणे दो पारियों में सिर्फ 5 और 1 रन ही बना पाए हैं।
पुजारा और रहाणे का कब चलेगा बल्ला
राहुल ने प्रेस कांफ्रंस के दौरान कहा, "पुजारा और अजिंक्य ने भारत के लिए कई बार काम किया है, जब टीम मुश्किल में थी। वे विश्व स्तरीय और अनुभवी खिलाड़ी हैं, इसलिए उन्हें पता है कि एक-दो खराब पारियों से कैसे निकलना है। आपको यह भी महसूस करना होगा कि वे कठिन परिस्थितियों में खेल रहे हैं। इंग्लिश कंडीशंस में बल्लेबाजी हमेशा चुनौतीपूर्ण होती है, आपको अच्छी गेंदें बहुत कम मिलेंगी।' राहुल (129) ने गुरुवार को लॉर्ड्स में अपना पांचवां टेस्ट शतक बनाया। लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि वह एक बड़े शतक से चूकने और टीम को एक बड़े स्कोर तक नहीं ले जाने से निराश थे।
राहुल ने खेली शतकीय पारी
राहुल ने कहा, "मैं निराश हो जाता हूं जब मैं सेट होता हूं और फिर आउट हो जाता हूं। जाहिर है कि यह (शुक्रवार) की सुबह हमारे लिए वास्तव में महत्वपूर्ण थी, क्योंकि वहां जाने के लिए और पहले सत्र में 70-80 रन बनाने थे।' मौजूदा दौरे के दौरान टेस्ट टीम में वापसी करते हुए राहुल ने दोनों हाथों से मौके का फायदा उठाया। सीमित ओवरों के प्रारूप में खुद को स्थापित करने के बाद उन्होंने कहा कि पांच दिवसीय खेल में सफलता की कुंजी अनुशासन और धैर्य है। उन्होंने कहा, "चुनौतियाँ हर फाॅर्मेट में होती हैं और हम खिलाड़ी के रूप में जानते हैं कि चुनौतियाँ क्या हैं और उनसे निपटने के लिए हमें क्या करने की आवश्यकता है। लेकिन कभी-कभी आप प्रदर्शन करते हैं, कभी-कभी इसलिए नहीं कि जब आप बीच में जाते हैं तो दबाव थोड़ा अलग होता है।'
लाॅर्ड्स में शतक लगाना काफी अच्छा
केएल राहुल ने आगे कहा, "हां, एक दिवसीय क्रिकेट अलग है क्योंकि 2 या 3 ओवर के बाद गेंद स्विंग करना बंद कर देती है, यहां तक कि हरे रंग के विकेट में भी यह 5-10 ओवर तक स्विंग करेगी लेकिन टेस्ट क्रिकेट में यह बिल्कुल अलग है। यहां लगातार गेंदें खेलनी होती हैं और जितना हो सके उतना धैर्य रखने की कोशिश करें और शॉट चयन में अनुशासन बनाए रखें।" राहुल ने कहा कि लॉर्ड्स में शतक बनाना और प्रतिष्ठित मैदान के ऑनर्स बोर्ड पर अपना नाम देखना एक विशेष अहसास था।
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