ब्रिस्बेन (एएनआई)। स्पिनर वाशिंगटन सुंदर भारत के लिए टेस्ट खेलने वाले 301वें क्रिकेटर बन गए। सुंदर के नाम को लेकर हमेशा रहस्य रहा है। इस खिलाड़ी के नाम के आगे अमेरिकी शहर वाशिंगटन का नाम कैसे जुड़ा। इसकी कहानी हर कोई जानना चाहता है। सुंदर का अमेरिका से कोई लेना-देना नहीं, न ही उनके माता-पिता वहां रहे। मगर उन्हें यह नाम उनके पिता एम सुंदर ने ही दिया। इसके पीछे की कहानी काफी इमोशनल है। पिता एम सुंदर का वाशिंगटन नाम से लगाव इसलिए था क्योंकि उनके गाॅडफादर पीडी वाशिंगटन थे।

वाशिंगटन से है ये रिश्ता
सुंदर के पिता एम सुंदर भी क्रिकेटर बनना चाहते थे। वह काफी टैलेंटेड थे। उनके घर के नजदीक पीडी वाशिंगटन रहते थे, जिन्हें क्रिकेट में काफी रुचि थी। वाशिंगटन ने एम सुंदर के अंदर क्रिकेटर बनने का जज्बा देखा और उन्हें मदद करने के लिए आगे आए। सुंदर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। ऐसे में रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर पीडी वाशिंगटन ने एम सुंदर की मदद की। वह उनके लिए यूनिफाॅर्म खरीदकर लाए, उन्हें जूते दिलाए। यहां तक की स्कूल की फीस भी भरी। वह कभी-कभी सुंदर को साइकिल पर बिठाकर मैदान तक भी छोड़ने जाते थे।

ऐसे पड़ा क्रिकेटर का नाम
मगर किस्मत को कुछ और मंजूर था। साल 1999 में पीडी वाशिंगटन का देहांत हो गया। उसी समय एम सुंदर के घर लड़का हुआ। तब एम सुंदर ने अपने गाॅडफादर की याद में अपने बेटे का नाम वाशिंगटन सुंदर रखा। वही वाशिंगटन सुंदर आज भारत के लिए टेस्ट खेलने वाले 301वें क्रिकेटर बन गए हैं। अब इसे महज इत्तेफाक ही कहेंगे कि वाशिंगटन डीसी के एक शहर मैरीलैंड में फोन का कोड 301 ही है।

डेब्यू टेस्ट में स्मिथ का लिया विकेट
वाशिंगटन सुंदर का टेस्ट डेब्यू अभी तक काफी शानदार रहा है। अपने पहले ही मैच में इस स्पिन गेंदबाज ने ऑस्ट्रेलियाई टीम के सबसे प्रमुख बल्लेबाज स्टीव स्मिथ को चलता किया। स्मिथ 36 रन बनाकर सुंदर की गेंद पर आउट हुए। इसी के साथ यह वाशिंगटन का पहला टेस्ट विकेट हो गया।

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