कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी में खेला जा रहा तीसरा टेस्ट काफी रोमांचक रहा। मैच के पांचवें दिन पहले खेल भारत के पक्ष में रहा फिर कंगारुओं के हाथ आया। मगर खत्म होते-होते यह ड्रा तक पहुंच गया। कंगारुओं ने अंतिम पारी में भारत को जीत के लिए 407 रन का लक्ष्य दिया था। मैच के आखिरी दिन चायकाल तक टीम इंडिया ने पांच विकेट खोकर 280 रन बना लिए थे उस वक्त भारत को जीत के लिए 127 रन और चाहिए थे और उनके हाथ में पांच विकेट थे। मगर विहारी और अश्विन ने तीसरे और चौथे सेशन में कंगारु गेंदबाजों को खूब परेशान किया और विकेट के लिए तरसाया। इसी के साथ सिडनी टेस्ट ड्रा हो गया।
विहारी और अश्विन ने बचाया मैच
सिडनी टेस्ट ड्रा करवाने में हनुमा विहारी और आर अश्विन का अहम योगदान रहा। दोनों ने मिलकर करीब तीन घंटे बल्लेबाजी की मगर विकेट नहीं दिया। विहारी 161 गेंदों में 23 रन बनाकर नाबाद रहे। वहीं अश्विन ने 128 गेंदों में 39 रन बनाए और नाबाद पवेलियन लौटे। दोनों बल्लेबाजों ने मिलकर कुल 289 गेंदें खेली।
तीन रन से शतक से चूके पंत
पहली पारी में बैटिंग के दौरान चोटिल हुए रिषभ पंत विकेटकीपिंग तो नहीं कर पाए मगर दूसरी इनिंग में बैटिंग करने जरूर आए। पंत को हनुमाव विहारी से पहले भेजा गया और कप्तान का यह निर्णय सही भी साबित हुआ। रिषभ ने आते ही ताबड़तोड़ बैटिंग शुरु कर दी। वह 97 रन बनाकर आउट हुए जिसमें उनके बल्ले से 12 चौके और 3 छक्के निकले। हालांकि वह तीन रन से शतक से चूक गए मगर भारत की जीत की उम्मीद बढ़ा गए।
पुजारा ने बनाए 77 रन
पंत के बाद पुजारा ने तेजी से रन बनाने शुरु किए। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने एक छोर संभाले रखा और स्कोरबोर्ड का चलाया। हालांकि पुजारा भी 77 रन बनाकर आउट हो गए। इसी के साथ भारत को बड़ा झटका लगा।
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