कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। बजट दस्तावेजों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार को जो आय होगी उसका एक बड़ा हिस्सा यानी रुपया का 35 पैसा उधार और अन्य लाइबिलिटी से आएगा। 16 पैसे जीएसटी से प्राप्त होगा। वहीं 15 पैसे काॅरपोरेशन टैक्स और इतने ही यानी 15 पैसे इनकम टैक्स से मिलेगा। सरकार के खजाने में इस वर्ष 7 पैसे केंद्रीय उत्पाद शुल्क से जमा होंगे। इसी तरह 5 पैसे सरकार सीमा शुल्क के तौर पर वसूल करेगी। 5 पैसे नाॅन टैक्स रेवेन्यू और 2 पैसे कर्ज से अलग (नाॅन डेट कैपिटल रिसीट्स) से मिलेंगे। यह सब मिल कर अगले वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार को खर्च करने के लिए 1 रुपया मिलेगा।
ब्याज चुकाने के अलावा खर्च का बड़ा हिस्सा राज्यों को
अब जानते हैं सरकार अपनी आय का 1 रुपया कहां-कहां खर्च करती है। रुपया का 20 पैसे सरकार कर्ज का ब्याज चुकाने में खर्च करती है। वहीं 17 पैसे टैक्स और ड्यूटी में राज्यों के हिस्से के तौर पर उन्हें दे देती है। इसके बाद सरकार 15 पैसे सेंट्रल सेक्टर की स्कीमों पर खर्च करती है। 10 पैसे सरकार वित्त आयोग को ट्रांसफर करती है। 9 पैसे केंद्र प्रायोजित योजनाओं पर खर्च किया जाता है वहीं 9 पैसे अन्य खर्चों के तौर पर सरकार के खजाने से जाते हैं। 8 पैसे विभिन्न प्रकार की सब्सिडी के रूप में खर्च होते हैं। सरकार इतना ही यानी 8 पैसे रक्षा पर खर्च करेगी। संबंधित वित्त वर्ष में 4 पैसे सरकार पेंशन के रूप में खर्च करेगी।
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