एक बार तक्षशिला के राजा भैरवसिंह को रात में एक सपना आया कि उनके सारे दांत टूट गए हैं। दूसरे दिन राजा ने राज्य के एक ज्योतिषाचार्य को बुलाया। ज्योतिषाचार्य बोले- 'हे राजन, यह सपना तो बहुत बुरे संकेत बता रहा है। इसका मतलब है कि आपके सभी प्रियजनों की मृत्यु हो जाएगी और आप अकेले रह जाएंगे।‘
राजा को यह सुनकर गुस्सा आ गया। उसने बोला- 'यह ज्योतिषाचार्य तो पाखंडी लगता है। एक सपने की वजह से मेरे सारे प्रियजन क्यों मरें भला?’ राजा ने गुस्से में अपने सिपाहियों को आदेश दिया कि इस ज्योतिषाचार्य को सूली पर चढ़ाकर फांसी दी जाए। राजा ने अपने सेनापति को किसी दूसरे पढ़ेलिखे ज्योतिषाचार्य को बुलाने का आदेश दिया।
दूसरे ज्योतिषाचार्य ने चतुराई से दिया जवाब
दूसरे ज्योतिषाचार्य ने भी आकर राजा की सपने की कहानी सुनी और फिर राजा ने उनसे भी सपने का अर्थ बताने को बोला। ज्योतिषाचार्य ज्यादा समझदार था। उसने राजा से बोला- 'हे राजन, यह तो बहुत ही अच्छी खबर है। इस सपने का अर्थ है कि आप अपने बाकी सारे प्रियजनों से भी अधिक जिएंगे।‘ राजा यह बात सुनकर खुश हो गया, और अपने गले में से मोतियों की माला निकालकर उस ज्योतिष को दी।
कहने का तरीका महत्वपूर्ण है
फ्रेंड्स, अक्सर हमारा सारा फोकस इसी बात पर रहता है कि हम क्या बोलते हैं। हम कभी इस बात की चिंता ही नहीं करते कि अपनी बातों को हम बोलते कैसे हैं। आप क्या बोलते हैं यह जितना महत्वपूर्ण है, उससे ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि आप उसे कैसे बोलते हैं। आपके बोलने का कितना और क्या असर होगा, यह इस बात पर डिपेंड करता है कि आप अपनी बातों को बोलते कैसे हैं। इस कहानी में दोनों ज्योतिषाचार्यों ने एक ही बात कही थी कि राजा के सारे प्रियजन मर जायेंगे। पर दोनों के कहने का तरीका अलग-अलग था। और इन्हीं तरीकों के कारण एक को सूली पर चढ़ाने की सजा और दूसरे को मोतियों की हार मिली।
काम की बात
1. आप क्या बोलते हैं यह जितना महत्वपूर्ण है, उससे ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि आप उसे कैसे बोलते हैं।
2. आपके बोलने का सामने वाले पर क्या असर होगा, यह इस पर डिपेंड है कि आप किन शब्दों का चयन करते हैं।
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