बच्चियों में साहस दिखा

हाल ही में  जम्मू कश्मीर के उरी आर्मी बेस में आतंकियों में हमला किया था। जिसमें देश के करीब 17 जवान शहीद हो गए हैं। शहीदों के घर परिवार के साथ पूरा देश आंसू बहा रहा है। इस हमले में शहीद बिहार रेजिमेंट के लांस नायक सुनील कुमार विद्यार्थी का नाम भी शामिल है। ऐसे में जैसे ही गया जिले के परैया थाना क्षेत्र के गांव बोकनारी में सुनील के शहीद होने की खबर मिली, कोहराम मच गया। शहीद की तीनों बेटियां आरती, अंशु और अंशिका समेत पूरा परिवार गम में डूब गया। कोई किसी को संभालने वाला नहीं था। बावजूद इस सुनील की बच्चियों में साहस दिखा। जीवन की सबसे बड़ा गम यानी कि पिता की मौत के बाद भी इन बच्चियों ने खुद को संभाला। जिस समय लोग लांस नायक के पार्थिव शरीर के आने का इंतजार कर रहे थे, उस शहीद की तीनों बेटियां डीएवी मेडिकल स्कूल परीक्षा देने पंहुची। जैसे ही ये तीनों बेटियां आरती, अंशु और अंशिका स्कूल पहुंची प्रधानाध्यापक आशीष कुमार उन्हें देख हैरत में पड़ गए।

विषयों की नहीं जीवन की बड़ी परीक्षा,आंसू थाम शहीद की बेटियां देने पहुंची इग्‍जाम

सब कुछ बिगड़ गया

बच्िचयों की आंखों से बहते आंसुओं की झड़ी देख प्रधानाध्यापक के आंसू भी बहने लगे। हालांकि इसके बाद उन्होंने बच्िचयों को समझाया। इसके बाद स्कूल प्रबंधन ने उन बच्चियों के लिए अगले सभी विषयों की परीक्षा अलग से करवाने की इंतजाम किया। बच्िचयों का कहना है कि यह उनके अंदर भी उनके पिता जैसा साहस है। वहीं इस संबंध में शहीद सुनील कुमार विद्यार्थी के पिता मथुरा प्रसाद यादव का कहना है कि बेटे के जाने से सब कुछ बिगड़ गया। उनका कहना है कि अब वक्त आ गया है कि पाक को इसका जवाब मिलना चाहिए। आखिर कितने और बेटे देश के लिए श्ाहीद होंगे।

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