कानपुर। भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज का आखिरकार अंत हो गया। विराट कोहली की कप्तानी में भारत की इंग्लैंड में पहली टेस्ट सीरीज थी और यहां भारत को करारी हार मिली। कुछ दिनों पहले टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री ने विराट सेना को पिछले 20 सालों की सर्वश्रेष्ठ ओवरसीज टीम बताया था उनका यह दावा कितना सही है यह तो पता नहीं मगर इंग्लैंड के खिलाफ पहले वनडे और फिर टेस्ट सीरीज हार ने विराट एंड कंपनी को करारी चोट दी है।
भारत को जीत के लिए 464 रन का लक्ष्य मिला था लेकिन लोकेश राहुल और रिषभ पंत के शतक के बावजूद भारतीय टीम दूसरी पारी में 345 रन पर आउट हो गई। इस मैच में हार के साथ ही भारत ने पांच टेस्ट मैचों की सीरीज को 1-4 से गवां दिया। टीम इंडिया ने शुरुआती विकेट तो जल्दी गंवा दिए थे। मगर केएल राहुल (149) और ऋषभ पंत (114) के बीच छठे विकेट के लिए 200 रन की साझेदारी हुई तो भारतीय फैंस को जीत की उम्मीद हुई लेकिन ओवल के मनहूस रिकॉर्ड ने भारत को फिर से हार के मुंह में ढकेल दिया।
ओवल मैदान का इतिहास देखें तो यहां भारत ने यहां कुल 12 मैच खेले हैं जिसमें सिर्फ एक में जीत मिली जबकि 4 हार गए और 7 मैच ड्रा रहे। इस रिकॉर्ड को देखते हुए विराट के लिए ओवल टेस्ट जीत पाना थोड़ा मुश्किल था।
ये टेस्ट एलिएस्टर कुक का आखिरी टेस्ट मैच था जिसमें उन्होंने शतक लगाया। कुक को उनकी शानदार पारी के लिए 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया। टेस्ट सीरीज में शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन करने वाले सैम कुर्रन को 'मैन ऑफ द सीरीज' चुना गया। कुर्रन ने पूरी सीरीज के दौरान 272 रन बनाए व 11 विकेट लिए। विराट कोहली को भी 'मैन ऑफ द सीरीज' चुना गया। उन्होंने पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के दौरान सबसे ज्यादा 593 रन बनाए।
आखिरी मैच हारने के बाद भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा, 'हमने जैसा क्रिकेट खेला वह स्कोरबोर्ड पर नजर नहीं आया लेकिन दोनों टीमें जानती हैं कि यह सीरीज कितनी टफ थी। हालांकि इंग्लैंड ने बेहतर खेल दिखाया और सीरीज अपने नाम की। यह सीरीज टेस्ट क्रिकेट के लिहाज से काफी अच्छी थी। इसे देखते कहा जा सकता है कि भविष्य में ऐसे मैच देखने लोग स्टेडियम जरूर आएंगे।'
ओवल मैदान पर इसलिए हारा भारत, 47 सालों से है यहां जीत का इंतजार
जिस गेंद पर केएल राहुल हुए आउट, वैसी गेंद 21वीं सदी में किसी ने नहीं फेंकी
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