इंटरनेट डेस्क (कानपुर)। हॉन्ग कॉन्ग के मैदान पर टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने उतरी भारतीय टीम ने निर्धारित 20 ओवर में 7 विकेट खोकर 127 रन बनाए. लक्ष्य का पीछा करने उतरी बांग्लादेश की पूरी टीम 19.2 ओवर में 96 रन बनाकर पवेलियन लौट गई. इस तरह से भारत ने 31 रनों से फाइनल मुकाबला जीतकर खिताबी जीत हासिल की. भारत ने इससे पहले अंडर-19 विमेंस वर्ल्ड कप का खिताब भी अपने नाम किया था.
भारत की खराब शुरुआत
टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने उतरी भारत की शुरुआत खराब रही. टीम ने पावरप्ले में ही कप्तान श्वेता सेहरावत का विकेट गंवा दिया. श्वेता 20 बॉल पर 13 रन ही बना सकीं. उनके बाद वृंदा ने उमा छेत्री के साथ पारी आगे बढ़ाई, लेकिन उमा भी 22 रन बनाकर आउट हो गईं.
वृंदा-कनिका से मजबूती
वृंदा ने 36 रन बनाए और एक एंड से स्कोर बनाना जारी रखा, उन्हें कनिका आहूजा का साथ मिला. कनिका 23 बॉल में 30 रन बनाकर नॉटआउट रहीं और टीम का स्कोर 127 तक पहुंचाया. बाकी बैटर्स में गोंगडी त्रिषा 4, सौम्या तिवारी 3, श्रेयांका पाटिल 0, काश्वी गौतम 2 और तितास साधू 8 ही रन बना सकीं.
मन्नत ने दिए शुरुआती झटके
भारत से मिले 128 रन के टारगेट का पीछा करने उतरी बांग्लादेश की शुरुआत खराब रही. टीम ने 19 रन पर ही दोनों ओपनर्स के विकेट गंवा दिए, दोनों विकेट स्पिनर मन्नत कश्यप ने लिए. सहाती रानी 13 और दिलारा अख्तर 5 रन ही बना सकीं. भारत की गेंदबाजों ने बांग्लादेश को लगातार झटके दिए. श्रेयांका पाटिल ने 4, कनिका आहूजा ने 2 और मन्नत कश्यप ने 3 विकेट लिए. तेज गेंदबाज तितास साधू ने बांग्लादेश की आखिरी बैटर संजिदा अख्तर को कैच आउट कराकर टीम को 96 रन पर समेट दिया.
कनिका बनीं प्लेयर ऑफ द मैच
फाइनल में कनिका आहूजा ने बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में शानदार प्रदर्शन किया. कनिका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 23 बॉल पर 30 रन बनाए. इसके बाद जब उन्होंने गेंद थामी तो 4 ओवर में 23 रन देकर 2 विकेट हासिल किए. शानदार ऑलराउंड परफॉर्मेंस के चलते उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया.
श्रेयांका पाटिल रहीं प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट
फाइनल में 4 विकेट लेने वाली श्रेयांका पाटिल प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट रहीं. श्रेयांका ने फाइनल में 4 ओवर में सिर्फ 13 रन दिए. वहीं, हॉन्ग-कॉन्ग के खिलाफ पहले मैच में सिर्फ 2 रन देकर पांच विकेट लिए थे. टूर्नामेंट में 2 मैचों में उन्होंने 9 विकेट हासिल किए.
दो मैच खेले और बन गई चैंपियन
बारिश के कारण भारत ने टूर्नामेंट में सिर्फ 2 मैच खेले और खिताब भी जीत लिया. पहले मैच में भारत ने हॉन्ग-कॉन्ग को हराया. इसके बाद सेमीफाइनल में भारत का सामना श्रीलंका से होना था. लेकिन बारिश के कारण ये मैच नहीं हो सका. ऐसे में ग्रुप में टॉप पोजीशन पर रहने के कारण भारत ने फाइनल में जगह बनाई और खिताब पर कब्जा किया.
टूर्नामेंट में बारिश का बड़ा असर
भारत की टीम बारिश के चलते जहां सिर्फ 2 मैच खेल सकी. वहीं, अन्य टीमों का भी कुछ ऐसा ही हाल रहा.
यहां 8 टीमों को 2 अलग-अलग ग्रुप्स में बांटा गया.
-टूर्नामेंट में ग्रुप स्टेज के 12 और नॉकआउट के 3 मैच होने थे, लेकिन बारिश के कारण 7 मैच ही हो सके.
- इनमें भी 2 मैचों में 10 से कम ओवर का ही खेल हुआ.
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