होगा परीक्षा प्रणाली और शिक्षा में सुधार
बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि आईआईटी, सीबीएसई और एआईसीटीसी अब प्रवेश परीक्षाएं नहीं लेंगी। प्रवेश परीक्षा के लिए एक नई संस्था का गठन किया जाएगा। यह एजेंसी पूरे देश के लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन करेगी। आर्थिक विशेषज्ञों की मानें तो शिक्षा के गिरते स्तर को सुधारने के लिए यह फैसला लिया गया है। इससे शिक्षा प्रणाली में यकीनन सुधार हो सकता है।
अलग एजेंसी को देंगे जिम्मेदारी
देश में अभी तक अलग-अलग बॉडी जैसी सीबीएसई, आईआईटी और एआईसीटीई प्रवेश परीक्षाएं कराती हैं। अब नई संस्था नेशनल टेस्टिंग सर्विस (एनटीएस) को इन सभी परीक्षाओं की जिम्मेदारी दी जाएगी। इन प्रवेश परीक्षाओं में हर साल 40 लाख छात्रों से ज्यादा बैठते हैं।
इंफॉर्मल से फॉर्मल इकोनॉमी की तरफ जाने की कोशिश
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट पेश करते हुए कहा कि हमारी सरकार को जनता ने बड़ी उम्मीदों के साथ चुना था। इन उम्मीदों में महंगाई रोकने और भ्रष्टाचार खत्म करने जैसी उम्मीदें शामिल थीं। पिछले ढाई साल में हमारा मिशन अच्छी तरह से गवर्नेंस देने का ही रहा है। हमने इंफॉर्मल से फॉर्मल इकोनॉमी की तरफ जाने की कोशिश की है। ब्लैकमनी के खिलाफ हमने लंबी लड़ाई लड़ी है। हमें जनता से काफी सपोर्ट मिला है। अब हम जनता की भलाई के लिए और भी बहुत कुछ करने के इच्छुक हैं।
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