इस्लामाबाद (आइएएनएस)। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को कहा कि भारत ने करतारपुर सीमा उद्घाटन के उनके भाव को राजनीतिक रूप देने की कोशिश की है, जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। बता दें कि पाकिस्तान ने भारतीय सिखों के लिए नवंबर में करतारपुर बॉर्डर को वीजा मुक्त बना दिया, यहां करतारपुर साहिब गुरुद्वारा स्थित है और कहा जाता है कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने इसी गुरूद्वारे में अपने जीवन के पिछले 18 वर्ष बिताये थे। खान ने कैबिनेट को संबोधित करते हुए कहा, 'दुर्भाग्यवश, भारत ने हमारे भाव को राजनीतिक देने की कोशिश की। मेरे शपथ ग्रहण समारोह के दौरान जब नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तान आये थे, उसी वक्त हम दोनों ने करतारपुर बॉर्डर को वीजा-मुक्त बनाने पर चर्चा की थी।
मेनिफेस्टो के तहत हुआ उद्घाटन
उन्होंने कहा, 'भारतीय मीडिया का कहना है कि हमने अपने राजनीतिक फायदे के लिए करतारपुर सीमा का उद्घाटन किया, यह सच नहीं है। हमने ऐसा इसलिए किया क्योंकि यह पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के मेनिफेस्टो का एक हिस्सा था।' खान ने कहा, 'मुझे खुशी है कि सरकार ने कॉरिडोर के उद्घाटन के लिए दबाव डाला था। अगर किसी की धार्मिक साइटें पाकिस्तान में हैं तो हमें उन्हें सुविधा देनी चाहिए। हमने कुछ नया नहीं किया, ये चीजें हमारे मेनिफेस्टो का हिस्सा थीं।' उन्होंने कहा कि सिख समुदाय ने इस प्रयास के लिए बहुत सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और हम उम्मीद कर रहे हैं कि भारत भी इसको लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया देगा।
28 नवंबर को था उद्घाटन
बता दें कि 28 नवंबर को पाकिस्तान में करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन समारोह रखा गया था। इस समारोह में भारत के केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और हरदीप सिंह पुरी शामिल हुए थे। पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने देश में करतारपुर कॉरिडोर की नींव रखी। इस समारोह में पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भी उपस्थित थे। पाकिस्तान ने पहले भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को इस समारोह के लिए आमंत्रित किया था लेकिन वह अपनी कमिटमेंट के चलते इस समारोह में शामिल नहीं हुईं।
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