इस्लामाबाद (पीटीआई)। पूर्व क्रिकेटर और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ क प्रमुख इमरान खान पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री बन गए हैं। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्हें 22 वर्षों तक संघर्ष करना पड़ा। क्रिकेटर से राजनेता बनने तक का इमरान का सफर आसान नहीं रहा है। उनकी कभी ना हार मानने वाली आदत ने ही उन्हें आज इस मुकाम पर लाकर खड़ा किया है। आज हम इमरान खान के जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा करेंगे।
यहां हुआ जन्म
65 वर्षीय इमरान खान का जन्म 25 नवंबर, 1952 को लाहौर के एक पश्तून परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई लाहौर के एचिसन कॉलेज से की और इसके बाद उन्होंने साल 1975 में फिलोसफी, पॉलिटिकल साइंस और इकोनॉमिक्स में लंदन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। कहा जाता है कि वैसे तो इमरान ने 13 साल की उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था लेकिन अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत उन्होंने अपने कॉलेज से की थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वे पहले अपने कॉलेज के लिए खेलते थे, फिर बाद में वोरसेस्टरशायर क्रिकेट क्लब के लिए खेलने लगे।
1971 में बर्मिंघम में इंग्लैंड के खिलाफ खेला एक टेस्ट सीरीज
18 साल की उम्र में उन्होंने पहली बार पाकिस्तान टीम की ओर से 1971 में बर्मिंघम में इंग्लैंड के खिलाफ एक टेस्ट सीरीज खेला था। उस मैच में उन्होंने सिर्फ पांच रन बनाए थे। इसके बाद उन्होंने अपना पहला वनडे मैच अगस्त, 1974 में नाटिंघम में इंग्लैंड के खिलाफ ही खेला था। इस मैच में उनका कुछ खास प्रदर्शन देखने को नहीं मिला था। उनका क्रिकेट करियर लगातार 1992 तक जारी रहा। वह 1982 से दस साल तक लगातार पाकिस्तानी टीम के कप्तान भी रहे। उनके नेतृत्व में ही पाकिस्तानी टीम 1992 में क्रिकेट वर्ल्ड कप जीती थी। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद उन्होंने अपनी मां की याद में 1994 में लाहौर में एक कैंसर अस्पताल बनवाया। उसके बाद 2015 में दूसरा अस्पताल पेशावर में बनवाया। इस बीच खान ने क्रिकेट कमेंट्री का काम जारी रखा। वह वर्ष 2005 से 2014 तक ब्रैडफोर्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर भी रहे। 2012 में उन्हें रायल कालेज ऑफ फिजिशियंस की आनरेरी फेलोशिप भी मिली।
1996 में बनाई राजनीतिक पार्टी
क्रिकेट से संन्यास लेने के कुछ ही सालों बाद इमरान खान ने राजनीति में अपना कदम रखा। 1996 में उन्होंने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ नाम की एक राजनीतिक पार्टी बनाई और उसके अध्यक्ष बने। इसके बाद वह पाकिस्तान में कई बड़े मुद्दों को उठाकर वहां बड़े राष्ट्रीय नेता के रूप में उभरे। 2002 में उन्होंने पहली बार नेशनल असेंबली का चुनाव लड़ा और 2007 तक मियांवाली से विपक्षी नेता बनकर रहे। 2013 में वह फिर संसद पहुंचे। तभी उनकी पार्टी पाकिस्तान में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी। इमरान ने तीसरी बार यह आम चुनाव लड़ा है। इस बार के आम चुनाव में इमरान 'नया पाकिस्तान' बनाने के नारे के साथ चुनावी मैदान में उतरे थे।
अब तक की तीन शादियां
बता दें कि इमरान खान अब तक तीन शादियां कर चुके हैं। जानकारी के मुताबिक, पहली शादी उन्होंने साल 1995 में जेमिमा खान से की थी लेकिन शादी ज्यादा दिन तक नहीं चली और 9 साल बाद 2004 में दोनों का तलाक हो गया। इसके बाद इमरान ने 2015 में टीवी एंकर रेहम खान से दूसरी शादी की, ये शादी महज 10 महीने चली और दोनों अलग हो गए। तीसरी शादी उन्होंने इस साल बुशरा से की है। बुशरा पाकिस्तान के मशहूर वट्टू खानदान से आती हैं और वह पाकपट्टन नाम के एक जगह पर पीरनी व आध्यात्मिक गुरु हैं। बताया जाता है कि उस इलाके में बुशरा पिंकी बीबी के नाम से पॉपुलर हैं। बुशरा अध्यात्मिक गुरु होने के साथ ज्योतिषी भी हैं और उनके इलाके में उनकी बहुत इज्जत है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने के लिए इन रास्तों से गुजरे इमरान खानइमरान खान बने पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री, राष्टपति भवन में ली पद की शपथ
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