बैंक लॉकर कितना सुरक्षित
कीमती सामान की सुरक्षा के लिए बैंक लॉकर को सबसे सुरक्षित विकल्प माना जाता है। लेकिन आजकल लॉकर से सामान के चोरी होने की घटनाएं आम हो गई हैं। लॉकर के एवज में बैंक सालाना किराया लेता है इसीलिए आमतौर पर ग्राहक यही सोचते हैं कि लॉकर लेते ही उनकी तमाम चिंताएं दूर हो गई। जबकि हकीकत कुछ और है। लॉकर में रखे सामान की क्षति होने पर बैंक की कोई जिम्मेदारी नहीं होती है। बैंक किराया लेकर अपने स्ट्रांग रूम में ग्राहक को स्थान देते हैं। ग्राहक इसमें क्या रख रहा है, इस बात की जानकारी बैंकों को नहीं होती है।
कैसे मिलता है लॉकर
अगर आप बैंक में लॉकर लेना चाहते तो बैंक में बचत खाता होना आवश्यक है। इसके साथ दो फोटो, एक स्टैंप पेपर पर दस हजार रुपये तक की एफडी भी जरूरी है।
ऐसे खुलता है लॉकर
लॉकर खोलने वाले का आईडी प्रूफ देखने के बाद लॉकर लेने वाले का हस्ताक्षर मिलाते हैं। उसके बाद ही लॉकर की चाबी सौंपी जाती है। लॉकर आमतौर पर तीन साइज के होते हैं- स्मॉल, मीडियम और लार्ज। इसे खोलने के लिए एक समय में दो चाबियों की जरूरत होती है। जो एक ग्राहक के पास और दूसरी बैंक के पास होती है।
ऐसे करें लॉकर इस्तेमाल
आप जिस पर सबसे अधिक भरोसा करते हैं, उसकी जानकारी में बैंक जाएं। यह नहीं कि साल में एक बार आप अपने कीमती सामान को देखने के लिए बैंक जाएं। बीच-बीच में जाते रहें। लॉकर की चाबी को भी संभाल कर रखना जरूरी है। इसके खो जाने पर डुप्लिकेट चाबी बनवाने की प्रक्रिया काफी जटिल और समय लेने वाली होती है। लॉकर की चाबी आप कहां संभाल कर रख रहे हैं, इसकी जानकारी परिवार के किसी विश्वसनीय सदस्य को होनी भी जरूरी है। आप चाहें तो अपने पास कहीं लिख कर रख सकते हैं।
चोरी होने पर बैंक नहीं जिम्मेदार :
आरबीआई के गाइडलाइन के मुताबिक, जब किसी व्यक्ति के लॉकर में चोरी हो जाती है या फिर आग अथवा बाढ के कारण सामान क्षतिग्रस्त हो जाता है। तो बैंक इसका जिम्मेदार नहीं होता। क्योंकि बैंक को यह नहीं पता होता, कि आपने लॉकर में क्या-क्या रखा है। इसलिए कंपनसेशन नहीं मिलता।
मूल्यांकन कराकर रखें रसीद :
तो नुकसान का सही आकलन कर पाना बडा मुश्किल हो जाता है। कई बार बैंक कस्टमर के नुकसान का मूल्यांकन बहुत ही कम करते हैं। इस स्थिति से बचने के लिए लॉकर में रखे जाने वाले गहनों और अन्य कीमती सामान की रसीद और अन्य कागजात संभाल कर जरूर रखें। आपके लिए बेहतर रहेगा कि सभी आभूषणों का किसी बडे ज्यूलर्स से मूल्यांकन कराकर उसका प्रमाण पत्र अपने पास रखें। क्लेम के दौरान यह प्रमाण पत्र काफी उपयोगी साबित होंगे।
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