शाज़िया इल्मी ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में अपने इस्तीफ़े का ऐलान किया. शाज़िया इल्मी ने आम आदमी पार्टी नेतृत्व पर आरोप लगाया है कि उसमें आंतरिक लोकतंत्र नहीं है जिसकी वजह से वह पार्टी छोड़ रही हैं.

उन्होंने कहा, ''अरविंद काफ़ी समझदार नेता हैं. मगर वह ख़ुद पार्टी में लोकतंत्र कायम करने में कामयाब नहीं रहे हैं. मैंने अपने इस्तीफ़े के ज़रिए इस बात की निशानदेही करने की शुरुआत की है.''

शाज़िया ने मीडिया के सामने कहा, ''एक छोटा सा दायरा है जो अरविंद को जकड़े हुए है. कुछ लोग हैं जो अरविंद को चारों तरफ़ से घेरे रहते हैं. इसमें घुसना किसी के लिए मुमकिन नहीं है. यहां तक कि मैं भी इस घेरे के अंदर नहीं जा सकती, तो बाकी लोग कैसे जाएंगे.''

शाज़िया ने साफ़ किया कि वह पहले से इस्तीफ़ा देने के बारे में विचार कर रही थीं, मगर चुनावों के नतीजे आने तक रुकी रहीं. उनका कहना है कि उन्हें लगता है कि पार्टी को ही उनकी ज़रूरत नहीं है.

उन्होंने यह भी कहा कि ''कहीं से एक अभियान शुरू किया गया है कि मैं ग़ाज़ियाबाद सीट से चुनाव लड़ने से परेशान हूं. मगर ऐसा नहीं है. मैंने अपनी पूरी ताक़त से चुनाव लड़ा. मगर इस बात से बढ़कर अहम यह है कि हम कहां जा रहे हैं.''

शाज़िया इल्मी ने आम आदमी पार्टी को अपनी शुभकामनाएं दीं.

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