अक्सर कुछ जगहों पर जाने के बाद हमें समय का पता ही नहीं चलता और कहीं ऐसा भी होता है कि जाने के साथ ही लगता है कि बहुत देर हो गई है। क्या आप जानते हैं ऐसा क्यों होता है? क्योंकि वहां की सकारात्मक तरंगों के कारण हमारा मन शांत होने लगता है या अशांत होने लगता है। अगर आप अपने घर में सकारात्मक ऊर्जा चाहते हैं, तो आपको कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए।
घर में जितना संभव हो, उतना कम पोस्टर या चित्र लगाएं। यदि लगाएं भी तो वो ऐसी हो जिनमें हिंसा या कष्ट ना झलके। भगवान की फोटो या स्टीकर भी घर में जगह-जगह नहीं लगाना चाहिए। उनकी जगह सम्मान के साथ पूजा घर में होनी चाहिए।
घर या फ्लैट के रंगों के चयन के समय यह ध्यान रखें कि जो भी रंग आप करा रहे हैं वह आंखों को चुभे नहीं।
नए घर में शिफ्टिंग की बात हो तो प्रवेश के समय हवन-पूजन अवश्य कराएं। इसके बाद भी सुबह या शाम के समय पूजन किया करें। शाम के समय धार्मिक संगीत भी बजाएं।
घर में बच्चों के कमरे में हल्के रंग कराएं। दीवारों पर ज्ञानवर्धक सूक्तियां लगाएं। गहरे रंग कराने से बचें, ऐसा होने से उनकी एकाग्रता में कमी आती है।
घरों में अक्सर लोग पेड़-पौधे जगह-जगह लगा देते हैं, ऐसा न करें। विशेष तौर पर शयन कक्ष में न लगाएं।
आजकल घरों की सुंदरता बढ़ाने के लिए लोग घरों और कार्यस्थल में पिरामिड भी लगाते हैं। इन्हें सजाना कुछ हद तक तो ठीक हैं, पर बहुत सजावट कष्ट देता है। इनसे स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है।
घर में बेकार का सामान बिल्कुल भी ना रखें। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। इसका भी वास्तु वाइब्स पर असर पड़ता है। यदि पुरानी वस्तुएं पड़ी भी हैं, तो उनका समय-समय पर साफ-सफाई का ख्याल रखें।
घर में किसी भी तरह की इलेक्ट्रॉनिक वस्तु खराब अवस्था में ना हो। कोई बंद घड़ी ना रखी हो, यदि है भी तो उसे बनवाएं या हटा दें।
घर के मुख्य द्वार पर सफेद कार्यस्थल रखें, जिससे घर के अंदर नकारात्मक ऊर्जा ना आए, यहां रंगोली बनाना भी अच्छा होता है।
घर के उत्तर पूर्व की तरफ खिड़की हो और यह नित्य खुले भी। यहां की रोशनी घर के लिए अच्छी है, घर का यह स्थान साफ-सुथरा हो तो अच्छा है।
घर में परिवार के सभी लोग एक जगह भोजन करें तो अच्छा है।
घर में उत्तर की तरफ पवन घंटी लगाएं, ये मेटल की हो तो ज्यादा अच्छा है।
पूजा घर में जब भी पूजा हो तो उस समय लैवेंडर के अगरबत्ती जलाएं या घर में शयन कक्ष में ऑयल डिफ्यूजर भी लगा सकते हैं। इससे भी वातावरण में सकारत्मकता का भाव बना रहता है।
माह में एक बार उन लोगों से अवश्य मिलें, जो घर के आस-पास रहते हों या उन्हें अपने घर आमन्त्रित करें।
अक्सर कुछ जगहों पर जाने के बाद हमें समय का पता ही नहीं चलता और कहीं ऐसा भी होता है कि जाने के साथ ही लगता है कि बहुत देर हो गई है। क्या आप जानते हैं ऐसा क्यों होता है? क्योंकि वहां की सकारात्मक तरंगों के कारण हमारा मन शांत होने लगता है या अशांत होने लगता है। अगर आप अपने घर में सकारात्मक ऊर्जा चाहते हैं, तो आपको कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए।
- घर में जितना संभव हो, उतना कम पोस्टर या चित्र लगाएं। यदि लगाएं भी तो वो ऐसी हो जिनमें हिंसा या कष्ट ना झलके। भगवान की फोटो या स्टीकर भी घर में जगह-जगह नहीं लगाना चाहिए। उनकी जगह सम्मान के साथ पूजा घर में होनी चाहिए।
- घर या फ्लैट के रंगों के चयन के समय यह ध्यान रखें कि जो भी रंग आप करा रहे हैं वह आंखों को चुभे नहीं।
- नए घर में शिफ्टिंग की बात हो तो प्रवेश के समय हवन-पूजन अवश्य कराएं। इसके बाद भी सुबह या शाम के समय पूजन किया करें। शाम के समय धार्मिक संगीत भी बजाएं।
- घर में बच्चों के कमरे में हल्के रंग कराएं। दीवारों पर ज्ञानवर्धक सूक्तियां लगाएं। गहरे रंग कराने से बचें, ऐसा होने से उनकी एकाग्रता में कमी आती है।
- घरों में अक्सर लोग पेड़-पौधे जगह-जगह लगा देते हैं, ऐसा न करें। विशेष तौर पर शयन कक्ष में न लगाएं।
- आजकल घरों की सुंदरता बढ़ाने के लिए लोग घरों और कार्यस्थल में पिरामिड भी लगाते हैं। इन्हें सजाना कुछ हद तक तो ठीक हैं, पर बहुत सजावट कष्ट देता है। इनसे स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है।
- घर में बेकार का सामान बिल्कुल भी ना रखें। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। इसका भी वास्तु वाइब्स पर असर पड़ता है। यदि पुरानी वस्तुएं पड़ी भी हैं, तो उनका समय-समय पर साफ-सफाई का ख्याल रखें।
- घर में किसी भी तरह की इलेक्ट्रॉनिक वस्तु खराब अवस्था में ना हो। कोई बंद घड़ी ना रखी हो, यदि है भी तो उसे बनवाएं या हटा दें।
- घर के मुख्य द्वार पर सफेद कार्यस्थल रखें, जिससे घर के अंदर नकारात्मक ऊर्जा ना आए, यहां रंगोली बनाना भी अच्छा होता है।
- घर के उत्तर पूर्व की तरफ खिड़की हो और यह नित्य खुले भी। यहां की रोशनी घर के लिए अच्छी है, घर का यह स्थान साफ-सुथरा हो तो अच्छा है।
- घर में परिवार के सभी लोग एक जगह भोजन करें तो अच्छा है।
- घर में उत्तर की तरफ पवन घंटी लगाएं, ये मेटल की हो तो ज्यादा अच्छा है।
- पूजा घर में जब भी पूजा हो तो उस समय लैवेंडर के अगरबत्ती जलाएं या घर में शयन कक्ष में ऑयल डिफ्यूजर भी लगा सकते हैं। इससे भी वातावरण में सकारत्मकता का भाव बना रहता है।
- माह में एक बार उन लोगों से अवश्य मिलें, जो घर के आस-पास रहते हों या उन्हें अपने घर आमन्त्रित करें।
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