कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। साइबर सिक्योरिटी को लेकर तमाम इंतजाम करने के बाद भी लोग कभी-कभी धोखा खा जाते हैं। ऐसे में जब सामने से आने वाला मैसेज या लैटर किसी सरकारी संस्था या एजेंसी के नाम पर हो तो चासेंस और ज्यादा बढ़ जाते हैं। जी हां ऐसा ही एक लैटर सामने आया है। जो लोगों के पास जा रहा है। ये लैटर देखने में बिल्कुल असली लग रहा है। जिससे कोई भी आम आदमी इसे देख कर धोखा खा सकता है। इसके साथ ही इन साइबर ठगों के जाल में फंस सकता है। इस फेक लैटर को लेकर भारत के गृह मंत्रालय ने साइबर सिक्योरिटी को लेकर जागरूक करने वाले एक्स अकाउंट साइबर दोस्त से एक चेतावनी जारी की है। जिसमें इस फेक लैटर से अलर्ट रहने को कहा गया है।

सरकारी एजेंसी के नाम से आता है लैटर
लोगों के पास आने वाले इस लैटर में साइबर ठग Indian Cybercrime Coordination Centre और उसके CEO राजेश कुमार का नाम इस्तेमाल करते हैं। सरकारी एजेंसी और उसके सीईओ का नाम इस्तेमाल करके ये साइबर ठग लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं।

लगाते हैं गंभीर आरोप

आपको बता दें कि लोगों के पास आने वाले इस फेक लैटर में व्यक्ति पर बेहद गंभीर आरोप लगाए जाते हैं। लोगों पर लगने वाले इन आरोपों में चाइल्ड पोर्नोग्राफी से लेकर साइबर पोर्नोग्राफी जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। देखने में लैटर काफी लंबा-चौड़ा है।

पता करते हैं पर्सनल डीटेल्स
साइबर ठग इस तरह के लैटर भेजकर लोगों को डराते धमकाते हैं। इसके साथ ही जांच के नाम पर लोगों से उनकी पर्सनल डीटेल्स और बैंक अकाउंट डीटेल्स ले लेते हैं। जिसके बाद लोगों के बैंक अकाउंट से सारे पैसे निकाल लेते हैं।

फेक है ये लैटर
लोगों के पास सरकारी एजेंसी के नाम से आने वाला ये लैटर फेक है। जिसकी जानकारी साइबर दोस्त ने अपने एक्स अकाउंट से दी है। साइबर दोस्त ने इस लैटर को रिशेयर करते हुए बताया है कि ये लैटर फेक है। इस लैटर में I4C एजेंसी का नाम लिखा होता है। जबकि I4C एजेंसी ने इस तरह का कोई लैटर जारी नहीं किया है। दरअसल साइबर ठग लोगों को चूना लगाने के लिए इस तरह की तरकीबें अपनाते हैं। इन ठगों के जाल में जब लोग फंस जाते है, तो ये उनको परेशान करते हैं।

इन लैटर्स से बचने के लिए अपनाएं ये तरीका
इस तरह के फेक लैटर्स से बचना काफी आसान है। बस जरूरी है कि आप घबराएं नहीं। अगर आपके पास भी इस तरह का कोई लैटर या कॉल आता है तो शांति से और दिमाग से काम लें। एकदम से घबराएं नहीं और ना ही परेशान हों। इसके बाद अब इस तरह के केस के बारे में नेट पर सर्च करें। जिसके बाद आप राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर जाकर इस केस के बारे में रिपोर्ट करें।

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