नकली या असली?
दरअसल, रविवार की रात जब ऑस्ट्रेलियाई टीम ने वर्ल्ड कप फाइनल जीता तो आइसीसी के चेयरमैन एन.श्रीनिवासन ने उन्हें वर्ल्ड कप ट्रॉफी सौंपी. आइसीसी के नियमों के हिसाब से सौंपी गई वो ट्रॉफी असल ट्रॉफी की 'रेप्लिका' यानी उसके जैसी दिखने वाली एक ट्रॉफी थी, क्योंकि असल ट्रॉफी आइसीसी अपने पास ही रखता है....लेकिन जब आज कंगारू टीम मेलबर्न की सड़कों पर फैंस के साथ जश्न मनाने उतरी तो उनके हाथों में असली वर्ल्ड कप ट्रॉफी थी. तस्वीर में साफ देखा जा सकता है कि श्रीनिवासन ने कल जो ट्रॉफी सौंपी थी उस ट्रॉफी के नीचे का हिस्सा यानी 'बेस' काला था जबकि जिस ट्रॉफी के साथ क्लार्क सड़कों पर उतरे उसके नीचे सिक्कों जैसी डिजाइन है जिस पर विजेता देशों के नाम लिखे जाते हैं.
भारत को नहीं मिली असली ट्राफी
गौरतलब है कि 2011 वर्ल्ड कप में जब आइसीसी ने विजेता इंडियन टीम को ट्रॉफी सौंपी थी तो उस पर भारतीय मीडिया ने सवाल उठाए थे. उस समय आइसीसी ने सफाई में कहा था कि विजेता टीम को 'रेप्लिका' यानी डुप्लीकेट ट्रॉफी ही दी जाती है. इसके बाद धोनी सेना ने भारत में उसी नकली ट्रॉफी के साथ जश्न मनाया था और उसी में अपनी खुशी ढूंढ ली थी लेकिन आखिर रातों-रात कंगारू टीम को क्यों असल ट्रॉफी सौंप दी गई ये एक बड़ा सवाल है. आखिर आइसीसी ने ऐसा दोहरा मापदंड क्यों अपनाया?
1999 में ऑस्ट्रेलिया ने उठाई थी वो ट्रॉफी
इंग्लैंड में हुए 1999 क्रिकेट वर्ल्ड कप से 11 किलोग्राम वजनी और सोने व चांदी से बनी इस ट्रॉफी का अनावरण हुआ था. उस विश्व कप में जीत हासिल करने के बाद कंगारू टीम ने असली ट्रॉफी ही उठाई थी लेकिन उसके बाद आइसीसी ने अपने नियम थोड़े तोड़-मरोड़ दिए थे.
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