नई दिल्ली (रायटर्स)। भारतीय महिला टीम की सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा क्रीज से बाहर निकलकर गेंदबाज के सिर के ऊपर से जितनी आसानी से छक्का लगा देती हैं। यह देखने में तो काफी आसान है मगर इसके पीछे काफी मेहनत की गई है। शेफाली के कोच अश्विनी कुमार का कहना है, इस शॉट के लिए शेफाली रोजाना कम से कम 50 बार अभ्यास करती थी तब जाकर इतनी सफल हुईं। मौजूदा आईसीसी टी-20 वर्ल्डकप में भी भारत के फाइनल में पहुंचने की वजह शेफाली की तूफानी बैटिंग रही है। 16 साल की इस बल्लेबाज ने 161 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं, जोकि इस टूर्नामेंट में किसी भी बल्लेबाज का सबसे ज्यादा स्ट्राइक रेट है।
लड़कों के साथ करती थी अभ्यास
रोहतक में श्रीराम नारायण क्रिकेट अकादमी में कोच अश्विनी कुमार, जिन्होंने शेफाली वर्मा को ट्रेनिंग दी हैं उन्होंने रायटर्स से फोन पर बातचीत करते हुए कहा, 'शेफाली के ट्रेडमार्क शॉट पर हमने दिन में कम से कम 50 बार काम किया। इस तरह के शॉट लगाने के लिए आपको ताकत की जरूरत होती है। शेफाली नैचुरल ही स्ट्राइकर रही हैं, हमने उनके हुनर को सिर्फ दिशा दिखाई है।' महिला टी-20 रैंकिंग में नंबर वन पर मौजूद शेफाली को विस्फोटक बल्लेबाज बनने के लिए लड़कों जैसा बनना पड़ा। उन्होंने अपने बाल ब्वॉयकट करवाए। कुमार कहतेे हैं,'शेफाली ने 12 साल की उम्र में ट्रेनिंग शुरु की लेकिन कुछ महीनों के अंदर ही वह तेज-तर्रार शॉट लगाने लगी थी जिसके चलते बाकी लड़कियां उसके साथ खेलने से डरती थी। फिर शेफाली ने लड़कों के साथ अभ्यास करना शुरु कर दिया।
फर्स्ट क्लॉस गेंदबाजों का किया सामना
कुमार की अकादमी से निकले कुछ क्रिकेटरों ने प्रथम श्रेणी मैच भी खेला है। उनमें से कुछ ने वर्मा के खिलाफ गेंदबाजी की है। इसमें से एक हरियाणा के तेज आशीष हुड्डा थे, जो वर्मा की प्रतिभा और निडरता से तुरंत प्रभावित हो गए थे। मध्यम तेज गेंदबाज हुड्डा ने रायटर से कहा, "रणजी ट्रॉफी स्तर के खिलाड़ी होने के नाते, आप स्पष्ट रूप से तेज गेंदबाजी नहीं करना चाहते हैं। खासतौर से जब अकादमी के बच्चे सामने होते हैं तो आप नहीं चाहेंगे कि उन्हें चोट पहुंचे। मैं छोटे रन अप के साथ शेफाली को गेंदबाजी करने लगे मगर उसने खूब चौके लगाने शुरु किए। तभी मुझे पता चल गया कि यह स्पेशल खिलाड़ी है, मगर किसी ने यह कल्पना नहीं की थी कि वह इतनी तेजी तरक्की कर लेगी।'
बन चुकी है लेडी सहवाग
भारतीय टीम की नई सनसनी बन चुकी शेफाली वर्मा को 'लेडी सहवाग' भी कहा जाता है। शेफाली के कंधे काफी मजबूत है और उनका हैंड-आई काड्रिनेशन किसी भी गेंदबाज के खिलाफ घातक साबित हो सकता है। इस पर कोच कुमार कहते हैं, 'शेफाली काफी टैलेंटेड हैं। लेकिन उसने खुद को यहां तक पहुंचाने के लिए काफी मेहनत की है। केवल एक चीज जो उसे चाहिए वह है उसकी बल्लेबाजी में बड़े शॉट के अलावा सिंगल और डबल रन लेना, हालांकि उम्र के साथ-साथ उसे अनुभव होता जाएगा और वह काफी कुछ सीख जाएगी।'
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