2019 से शायद टेस्ट मैच में न हो टॉस
कानपुर। क्रिकेट इतिहास में पहला टेस्ट मैख् जब ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच मार्च 1877 में खेला गया, तो कौन सी टीम पहले खेलेगी इसका निर्णय टॉस उछालकर किया गया। इस बात को 141 साल हो गए, मगर क्रिकेट मैच शुरु होने से पहले टॉस उछालने की परंपरा आज भी जारी है। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) अब इसमें कुछ बदलाव चाहता है। ईएसपीएन क्रिकइन्फो की एक रिपोर्ट की मानें तो, आईसीसी अगले साल से शुरु होने वाली टेस्ट चैंपियनशिप में टॉस उछालने की प्रक्रिया को पूरी तरह से खत्म कर देगा। हालांकि इस पर बहस जारी है, अंतिम फैसला 28-29 मई को मुंबई में होने वाली बैठक में लिया जाएगा।
क्यों खत्म किया जा रहा टॉस
आईसीसी के कुछ सदस्यों का कहना है कि, टेस्ट मैचों में टॉस की अहमियत काफी ज्यादा होती है। मेजबान टीम अपने हिसाब से पिच बनवाती है और अगर वह टॉस जीत जाते हैं तो अपने प्लॉन के मुताबिक पहले बल्लेबाजी या गेंदबाजी चुनते हैं। मगर अब जब टॉस को खत्म कर दिया जाएगा, तो मेहमान टीम का खुद ब खुद पहले गेंदबाजी या बल्लेबाजी करने की छूट होगी। उदाहरण के लिए, अगर भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाती है तो भारत के कप्तान विराट कोहली को पूरी छूट होगी कि वह पहले बल्लेबाजी करेंगे या गेंदबाजी।
2 साल तक चलेगी ये टेस्ट चैंपियनशिप
माना जा रहा कि टॉस को खत्म करने का सिलसिला 2019 में शेड्यूल टेस्ट चैंपियनशिप से शुरु होगा। यह चैंपियनशिप टेस्ट वर्ल्डकप की तरह है। वैसे तो वर्ल्डकप लिमिटेड ओवर्स का खेला जाता है जिसमें कई देशों की टीमें हिस्सा लेती हैं। ठीक उसी तरह टेस्ट चैंपियनशिप में भी 9 टीमें भाग लेंगी, मगर यह टेस्ट फॉर्मेट में खेला जाएगा। यह टूर्नामेंट 2019 में शुरु होगा जोकि 2 साल तक चलेगा, जिसमें 27 द्विपक्षीय टेस्ट सीरीज खेली जाएंगी और फाइनल मैच 10-14 जून 2021 को इंग्लैंड में होगा। इस टूर्नामेंट में भारत, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका, श्रीलंका और वेस्टइंडीज की टीमें हिस्सा लेंगी। हालांकि ये मैच किन-किन देशों में खेले जाएंगे, यह अभी फाइनल होना बाकी है।
भारत को खेलना पड़ सकता है डे-नाइट टेस्ट
बीसीसीआई ने हाल ही में अपकमिंग भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज में डे-नाइट टेस्ट खेलने से मना कर दिया था। जिसकी कई पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने आलोचना भी की है। मगर टेस्ट चैंपियनशिप में भारत को डे-नाइट टेस्ट खेलना ही होगा। इस टूर्नामेंट में मनाही का कोई ऑप्शन ही नहीं है।
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