कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Ecocide को लेकर हाल ही में इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट में फिजी, समोआ और वानुअतु जैसे देशों ने एक याचिका दाखिल की है। इन देशों की कोर्ट से मांग है कि वो इकोसाइड को इंटरनेशनल क्राइम की लिस्ट में शामिल कर दे। जिसमें युध्द से जुड़े क्राइम, जेनोसाइड यानी नरसंहार और नस्लभेद शामिल हैं। आपको बता दें कि कई देश इकोसाइड को पहले से ही Crime मानकर इस पर सजा भी तय कर चुके हैं क्योंकि पर्यावरण से छेड़छाड़ भी एक Crime है।
क्या होता है Ecocide
इकोसाइड की कोई परमानेंट डेफिनीशन तो नहीं है लेकिन ऐसा कोई भी काम इकोसाइड ही माना जाएगा। जिसकी वजह से नेचर को परमानेंट या टेंपरेरी किसी भी तरह का नुकसान होता है। For Example हम इसे ऐसे समझ सकते हैं कि Amazon दुनिया का सबसे बड़ा Rainforest है। ये ऑक्सीजन का सबसे बड़ा सोर्स है और इसे Earth के Lungs माना जाता है। लेकिन कुछ सालों से अमेजन के जंगलों को भी उजाड़ा जा रहा है, लगातार पेड़ों की कटाई हो रही है, लकड़ियों की तस्करी की जा रही है। इसको एक तरह से Organized Crime माना जाएगा। इसी को इकोसाइड कहते हैं, जिसका मतलब होता है पर्यावरण की हत्या।
इकोसाइड को क्यों माना जाए क्राइम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर ICC इकोसाइड को इंटरनेशनल क्राइम मानता है तो इससे बड़ी कंपनियों पर प्रेशर पड़ेगा कि वो नेचर को नुकसान ना पहुंचाएं। हालांकि इस बात को लेकर 70 के दशक से बात चल रही है लेकिन अब प्रेशर काफी बढ़ गया है। इकोसाइड को क्राइम मानने को लेकर ये भी कहा जा रहा है कि जब इंसानों को खत्म करने पर सजा दी जाती है तो नेचर को खत्म करने पर क्यों नहीं। जबकि इसका असर पूरी इकॉलॉजी पर पड़ता है।
Environmental Crime में क्या क्या शामिल हैं
एनवायरमेंटल क्राइम की लिस्ट काफी लंबी है। जिसमें सबसे पहला Wild Life Crime है। इसमें पेड़ों और जगंल में रहने वाले जीवों का नुकसान शामिल किया जाता है। इसके अलावा अवैध तरीके से मछलियां पकड़ना, Pollution फैलाना या कोई भी ऐसा काम जिससे Climate Change पर असर पड़े। उसको एनवायरमेंटल क्राइम में शामिल किया जाता है।
किन-किन देशों में है Ecocide पर कानून
दुनिया में कुछ देश ऐसे भी हैं जहां पर पहले से ही इकोसाइड पर कानून बना हुआ है। इन देशों में सबसे पहले फ्रांस आता है। जहां पर साल 2021 में इकोसाइड को क्राइम की कैटेगरी में रखा गया। अगर कोई भी पर्सन ऐसा कोई काम करता है जिससे नेचर को नुकसान पहुंचे, तो उसे भारी जुर्माने के साथ ही जेल भी हो सकती है। हालांकि बेल्जियम भी काफी टाइम से इकोसाइड को क्राइम अनाउंस करने की कोशिश में लगा हुआ है। बेल्जियम में इस क्राइम पर 20 साल की जेल और 18 लाख डॉलर का फाइन तय किया गया है। इसके साथ ही रूस, यूक्रेन, जॉर्जिया और बेलारूस जैसे देशों में इकोसाइड को क्राइम ही माना जाता है।
लंबे समय से की जा रही कोशिश
इकोसाइड को क्राइम की कैटेगरी में शामिल करने की मांग 1998 में रखी गयी । हालांकि तब ऐसा नहीं हुआ। लेकिन यूरोप के कई देश इस पर लगातार काम करते रहे और आधा दर्जन से ज्यादा देशों में इकोसाइड को क्राइम मान लिया गया है। इसके साथ ही यूक्रेन अभी रूस के खिलाफ सबूत इकठ्ठे कर रहा है ताकि वो इंटरनेशनल कोर्ट में ये प्रूफ कर पाये कि रूस ने उसके नेचर को काफी नुकसान पहुंचाया है।
ICC किसे मानता है International Crime
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने इंटरनेशनल क्राइम की कैटेगरी में सबसे ऊपर जेनोसाइड यानी नरसंहार को रखा है। नरसंहार किसी भी देश, नस्ल या किसी ग्रुप को पूरी तरह से खत्म करने के इरादे से किया जाता है। इसके साथ ही War Crime पर भी आईसीसी सख्ती से पेश आया है। कोर्ट का कहना है कि अगर दो देशों के बीच युध्द हो भी रहा है तब भी वो एक दूसरे के नागरिकों और इंफ्रा को नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं। बड़े पैमाने पर ह्यूमन राइट्स का उल्लंघन जिसमें हत्या, बलात्कार, गुलामी या आक्रामकता को भी इंटरनेशनल क्राइम में शामिल किया गया है।
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