अपनी नई डॉक्यूमेंट्री में सिंगर रैपर एमिनेम ने अपनी ड्रग्स लेने की आदत के  बारे में खुलकर बात की है. यहां उन्होंने यह भी बताया कि किस तरह ड्रग्स के अडिक्शन ने उन्हें जकड़ कर रखा था और ड्रग्स के ओवरडोज के चलते उनकी डेथ भी हो सकती थी. आइए जानते हैं उनकी लाइफ के  इस एक्सीपीरियंस के  बारे में.

His first experience

पहली बार विकोडिन लेने के बारे में याद करते हुए वह कहते हैं, ‘यह फीलिंग बहुत अच्छी थी और इसमें कोई पेन भी नहीं था. मैं पूरी तरह से सुन्न हो गया था.’ एमिनेम, जिन्हें 2005 में स्लीपिंग पिल्स एडिक्शन के चलते रीहैब में भेज दिया गया था, उन्होंने अपनी इस प्रॉब्लम को 2010 में आए अपने एलबम ‘रिकवरी’ में भी दिखाया था. वह इस बात को एक्सेप्ट करते हैं कि वह डेली पेनकिलर्स लिया करते थे. एमिनेम कहते हैं, ‘वैलियम, एम्बिन और ना जाने कौन कौन सी ड्रग्स के नंबर्स बढ़ते जा रहे थे. मुझे पता भी नहीं था  मैं कौन सी ड्रग ले रहा हूं. मेरी बॉडी का निचला हिस्सा डेड होने वाला था.’

 

Everyday he felt like dead

एमिनेम यह भी कहते हैं कि उनके लिए यह एक्सेप्ट करना आसान नहीं था कि उन्हें ड्रग एडिक्शन की प्रॉब्लम है क्योंकि वह हेरोईन जैसा कोई बड़ा नशा नहीं कर रहे थे. उनका कहना था, ‘मुझे नहीं पता कि कब यह एक प्रॉब्लम बन गई, मुझे तो बस धीरे धीरे यह अच्छी लगने लगी थी. एक बार मुझे ड्रग ओवरडोज के चलते हॉस्पिटलाइज्ड भी किया गया. दो घंटे बाद मुझे हॉस्पिटल ले जाया गया था. मैं उस दिन मर गया होता. मेरे ऑर्गंस काम करना बंद कर रहे थे. मेरा लिवर, किडनी, सब. उन्होंने मुझे डायलेसिस पर रखा हुआ था और उन्हें लग रहा था मैं बच नहीं पाऊंगा. हॉस्पिटल से घर आने पर मैं हर रोज अपने घर के आस पास टहलता रहता था. हर रोज मुझे लगता था मैं मर जाऊंगा. फिर मैं अपने बच्चों को देखता था और सोचता था मुझे इनके लिए यहां रहना है.’

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