अहमदाबाद (पीटीआई)। कांग्रेस के पूर्व नेता रहे हार्दिक पटेल आज दोपहर 12 बजे भाजपा में शामिल होने वाले हैं। हार्दिक पटेल ने आज ट्वीट करके कहा कि आज मैं देश, समाज और समुदाय के हित को ध्यान में रखते हुए एक नया अध्याय शुरू करने जा रहा हूं। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र के नेतृत्व में किए जा रहे राष्ट्र के विकास कार्यों में उनके एक छोटे सैनिक के रूप में काम करूंगा। गुजरात विधानसभा के 182 मेंबर हाउस के चुनाव इस साल के अंत तक होने हैं। बता दें पटेल 2019 में कांग्रेस में शामिल हुए थे। लेकिन उन्होंने हाल ही में पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद से ऐसे अनुमान लगाए जा रहे थे कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं। साथ ही उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व की कड़ी आलोचना करते हुए भाजपा की निर्णय लेने और काम करने की क्षमता की भी प्रशंसा की थी।
राष्ट्रहित, प्रदेशहित, जनहित एवं समाज हित की भावनाओं के साथ आज से नए अध्याय का प्रारंभ करने जा रहा हूँ। भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी के नेतृत्व में चल रहे राष्ट्र सेवा के भगीरथ कार्य में छोटा सा सिपाही बनकर काम करूँगा।
— Hardik Patel (@HardikPatel_) June 2, 2022
2016 से जमानत पर हैं बाहर
कांग्रेस छोड़ने से पहले, पटेल ने पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने यह कहा था कि कांग्रेस ने देश में कुछ प्रमुख मुद्दों पर विपक्ष की भूमिका सही से नही निभाई है। हालांकि पटेल पहली बार पटेल सुर्खियों में तब आए थे जब उन्होंने 2015 में पाटीदार कम्युनिटी के लिए सरकारी नौकरियों और एजुकेशनल इंस्टीट्यूट को लेकर आंदोलन किया था। जिसके बाद वह लोकसभा चुनाव से पहले मार्च 2019 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। लेकिन दंगा मामले में दोषी ठहराए जाने के कारण पार्लियामेंट्री इलेक्शन का चुनाव लड़ना उनके लिए संभव नहीं था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में उनकी सजा पर रोक लगा दी थी। पटेल पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 124 (ए) (देशद्रोह), 121 (ए) (सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश) और 120 (बी) (आपराधिक साजिश) के तहत आरोप लगाया गया था। साथ ही वह 2016 से जमानत पर बाहर हैं।
भाजपा सरकार ने दर्ज कराए थे कई मामले
हार्दिक पटेल पहले भाजपा के आलोचक रहे हैं। उन्होंने भाजपा पर गरीब विरोधी, किसान विरोधी और युवा विरोधी जैसे मुद्दों को लेकर निशाना बनाया है। साथ ही भाजपा सरकार ने उनके खिलाफ देशद्रोह सहित कई मामले दर्ज किए थे। लेकिन हाल ही में भाजपा सरकार ने 2015 के आरक्षण आंदोलन और उस हिंसा से संबंधित पटेल और अन्य के खिलाफ दर्ज कराए कई मामलों को वापस लेने के लिए कदम उठाए हैं। बाता दे हिंसा में एक पुलिसकर्मी सहित 10 लोग मारे गए थे और पब्लिक प्रॉपर्टी का भी नुकसान हुआ था।
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