रियाद/इस्लामाबाद (पीटीआई)। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान का मानना है कि भारत ने वार्ता की पेशकश को इसलिए खारिज कर दिया क्योंकि आम चुनाव में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान एक अहम मुद्दा है। पीएम इमरान ने मंगलवार को कहा कि वह एक बार फिर 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद भारत की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाएंगे। रियाद में हाई प्रोफ़ाइल फ्यूचर निवेश पहल मंच पर बोलते हुए खान ने कहा कि पाकिस्तान क्षेत्रीय शांति और स्थिरता पैदा करने के लिए सभी पड़ोसियों, विशेष रूप से भारत और अफगानिस्तान के साथ शांति चाहता है।'
पाकिस्तान को मिलेगी काफी मदद
खान ने कहा, 'भारत के साथ शांति से दोनों देशों को हथियारों की दौड़ में शामिल होने के बजाय मानव विकास के प्रति अपने संसाधनों को मजबूत करने में मदद करेगी। उन्होंने कहा, 'इसी तरह, अफगानिस्तान में शांति से द्विपक्षीय आर्थिक और व्यापार गतिविधियों के लिए पाकिस्तान को मध्य एशियाई देशों तक आसानी से पहुंचने में मदद मिलेगी।' खान ने कहा कि उन्होंने भारत की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया लेकिन उन्होंने ठुकरा दिया।
वार्ता हुई थी रद
अगस्त में सत्ता संभालने के बाद, खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बैठक का सुझाव दिया था। भारत ने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया, लेकिन इसके स्वीकृति के कुछ घंटों के बाद, आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर में तीन पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी, जिससे नई दिल्ली ने यूएनजीए के दौरान विदेश मंत्रियों की बैठक रद कर दी। अब इमरान खान का कहना है कि वे भारत में आम चुनाव खत्म होने के बाद फिर बात करने की कोशश करेंगे।
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