कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Hydrogen Bomb: क्या आप जानते हैं 1 मार्च को क्या हुआ था। दरअसल आज ही के दिन 1954 को अमेरिका ने हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया। यही दिन था जब अमेरिका ने अपना पूरा ध्यान अपनी ओर खींचा था। देश ने दुनिया के सबसे खतरनाक बम का परीक्षण किया था। यह मानव इतिहास में उस समय का सबसे बड़ा विस्फोट था। ऐसा बम जो सेकेंड वर्ल्ड वॉर के दौरान अमेरिका की ओर से जापान के हिरोशिमा और नागासाकी को नष्ट करने वाले बम से कई हजार गुना शक्तिशाली था। आज हम अमेरिका के अलावा दुनिया के उन देशों के बारे में बता रहे हैं, जिनके पास माना जाता है ये विनाशकारी ताकत यानी हाइड्रोजन बम मौजूद हैं।
ये हैं देश
अमेरिका के अलावा दुनिया में ऐसे कुछ ही देश हैं, जिनके पास हाइड्रोजन बम है। इनमें रशिया, चीन, फ्रांस, भारत, पाकिस्तान, इजराइल, नॉर्थ कोरिया शामिल हैं। ऐसा कहा जाता है भारत ने इस बम का परीक्षण 1998 में किया था।
सूर्य की शक्ति से बनता है हाइड्रोजन बम
हाइड्रोजन बम सूर्य की शक्ति का उपयोग करता है। यह बम न्यूक्लियर पावर प्लांट की तरह, एटॉमिक बम या एटम के नाभिकिया विखंडन पर काम करता है। जैसे सूर्य की ऊर्जा का प्रयोग करते हुए कई तारे लाइट जनरेट करते हैं, ठीक वैसे ही हाइड्रोजन बम भी काम करते हैं। एक हाइड्रोजन बम परमाणु विखंडन बम में ब्लास्ट होता है और बदले में दूसरे पार्ट में हाइड्रोजन आइसोटोप का फ्यूजन होता है।
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