ईसा मसीह की इस मूर्ति के पीड़ा के भाव, गर्दन पर बहता ख़ून. मुंह, हाथ और घुटनों पर घाव देखने वालों की कंपकंपी छुड़ा देते थे.
लेकिन ऐसा लगता है कि यह अब तक के अनुमानों से और भी ज़्यादा वास्तविक और भयंकर है. 18वीं सदी की इस कलाकृति का पुनर्निर्माण कर रहे विशेषज्ञों को पता चला है कि इस प्रतिमा के आठ दांत इंसान के हैं.
मैक्सिको के नेशनल इंस्टीट्यूट और एंथ्रोपोलॉजी और हिस्ट्री ने यह जानकारी दी है.
पुनर्निर्माण कार्य की प्रमुख फ़ैनी यूनिकेल कहती हैं, "संभवतः दांतों को कृतज्ञता जताने के लिए दान दिया गया होगा."
मैक्सिको में कई जगह कपड़ों और पैसे के साथ ही संतों के विग बनाने के लिए बाल भी दान देने का चलन है.
हालांकि प्रतिमा के दांत और नाखून सामान्यतः हड्डियों और पशुओं की सींगों से बनाए जाते हैं.
लेकिन मैक्सिको के नेशनल स्कूल ऑफ़ रेस्टोरेशन, कंज़र्वेशन एंड म्यूज़िओलॉजी के निदेशक को यह आश्चर्यजनक नहीं लगता. यूनिकेल कहती हैं कि महत्व जताने के लिए स्मृति चिन्हों को अलग तरह से पेश किया जाता था.
वह बताती हैं कि कि एक सदी पुरानी मूर्ति होने के बावजूद दांत एकदम सही हालत में हैं.