क्या-क्या हुआ प्रभावित
शुक्रवार को कई देशों के अस्पतालों, टेलिकॉम फर्म और कई दूसरी कंपनियों को फिरौती मांगने के उद्देश्य से साइबर अपराधियों ने रैंसमवेयर नाम का साइबर अटैक किया। इस साइबर हमले से ब्रिटेन की हेल्थ सर्विस बुरी तरह प्रभावित हुई है। साइबर अटैक की वजह से ब्रिटेन के दर्जनों अस्पतालों में काम व्यापक स्तर पर प्रभावित हुआ। साइबर अटैक का असर लंदन, नॉर्थवेस्ट इंगलैंड और देश के अन्य हिस्से में स्थित अस्पतालों पर भी पड़ा है। मरीजों को निर्देश दिया गया है कि सिर्फ आपातकालीन स्थिति में ही अस्पताल का रुख किया जाए।
कौन-कौन देश हैं चपेट में
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के 100 देश इस साइबर अटैक की चपेट में हैं। हैकर्स ने सबसे ज्यादा तगड़ा झटका रूस को दिया है। सबसे पहले ब्रिटेन के हेल्थ सिस्टम को बेअसर किया। उसके बाद अमेरिकी इंटरनेशनल कूरियर सर्विस फेडेक्स के सिस्टम को लॉक कर दिया। इसके अलावा भारत, स्वीडन, ब्रिटेन और फ्रांस समेत कई बड़े-बड़े देशों में यह साइबर अटैक हुआ है।
इस तकनीक से किया हैक
मीडिया रिपोर्ट्स से मिल रही जानकारी के मुताबिक हैकर्स ने अमेरिका की नेशनल सिक्यॉरिटी एजेंसी जैसी तकनीक का इस्तेमाल कर इतने बड़े पैमाने पर साइबर अटैक किया। माना जा रहा है कि अमेरिका की नेशनल सिक्यॉरिटी एजेंसी जिस तकनीक का इस्तेमाल करती थी वह इंटरनेट पर लीक हो गई थी और हैकर्स ने उसी तकनीक का इस्तेमाल किया है।
75 हजार कंप्यूटर को बनाया निशाना
इसके तहत लगभग 75 हजार कंप्यूटर्स को निशाना बनाया गया है। ब्रिटेन के नेशनल हेल्थ सर्विस को निशाना बनाने वाले इस रैंसमवेयर का नाम WanaCrypt0r 2.0 है।
जानिए क्या है रैंसमवेयर?
रैंसमवेयर एक कंप्यूटर वायरस है जो कंप्यूटर्स फाइल को बर्बाद करने की धमकी देता है। धमकी दी जाती है कि यदि अपनी फाइलों को बचाना है तो फीस चुकानी होगी। यह वायरस कंप्यूटर में मौजूद फाइलों और वीडियो को इनक्रिप्ट कर देता है और उन्हें फिरौती देने के बाद ही डिक्रिप्ट किया जा सकता है। बता दें कि इसमें फिरौती चुकाने के लिए समय सीमा निर्धारित की जाती है और अगर समय पर पैसा नहीं चुकाया जाता है तो फिरौती की रकम बढ़ जाती है। हैकर्स ने यह फिरौती बिटक्वाइन के रूप में मांगी है। ताकि उन्हें आसानी से ट्रैक न किया जा सके।
क्या होता है बिटकॉइन
Bitcoin एक तरह की एक डिजिटल करेंसी है। बिटकॉइन का उपयोग ऑनलाइन ही किया जा सकता है। यह एक प्रकार की स्वतन्त्र मुद्रा है जिस पर किसी भी संस्था या देश का अधिकार नहीं है। इसका उत्पादन स्वतन्त्र रूप से कंप्यूटर प्रोसेसिंग प्रणाली “Mining” के द्वारा किया जाता है। Miners विशेष प्रकार के हार्डवेयर का उपयोग करके विभिन्न प्रकार के transactions को प्रोसेस करते है और नेटवर्क को सिक्योर करते है जिनके बदले में नए बिटकॉइन बनते है जो miners को मिलते है।
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