फुटबॉल ग्राउंड के करीब आधे साइज का एक एस्टेरॉयड 15 फरवरी को धरती से महज 27,680 किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा. नासा के शोधकर्ताओं के मुताबिक अब तक के इतिहास में पृथ्वी के इतने नजदीक से गुजरने वाला यह पहला एस्टेरॉयड होगा.
50 मीटर का है एस्टेरॉयड
नासा की जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला में पृथ्वी के नजदीक चीजों पर नजर रखने वाले कार्यक्रम के सदस्य डोन योमंस ने कहा कि यह एस्टेरॉयड पृथ्वी के बहुत ही नजदीक से गुजरेगा. यह इतिहास की अनोखी खगोलीय घटना होगी. उन्होंने कहा, वर्ष 1990 के बाद से अंतरिक्ष पर लगातार नजर रखी जा रही है. पर हमने अब तक इतने बड़े आकार की आकाशीय वस्तु पृथ्वी के नजदीक आते हुए नहीं देखी है. इस एस्टेरॉयड को 2012 डीए14 नाम दिया गया है. इस एस्टेरॉयड ग्रह का आकार 50 मीटर है. धातु और बर्फ की अपेक्षा यह एस्टेरॉयड ग्रह चïट्टानों का बना हुआ है.
40 साल बाद गुजरेगा
योमंस ने बताया कि हर 40 साल में ऐसा एस्टेरॉयड ग्रह पृथ्वी के नजदीक से गुजरता है, हालांकि 1200 वर्षों में ही कोई एक एस्टेरॉयड ग्रह पृथ्वी से टकराता है. उन्होंने बताया कि करीब पचास हजार साल पहले इसी आकार का एक एस्टेरॉयड पृथ्वी से टकराया था, जिसके कारण अमेरिका के एरिजोना राज्य में एक बड़ा गड्ढा बन गया है. उस एस्टेरॉयड ग्रह में लोहा धातु की बहुतायत थी, जिसके कारण उसका प्रभाव भी काफी गहरा था.
International News inextlive from World News Desk