कौन बनवा सकता है डीएल
भारत का कोई भी निवासी जो मानसिक रूप से विक्षिप्त या गंभीर रूप से दिव्यांग न हों और उसकी उम्र 18 साल से कम न हो, वो वाहन चलाने के लिए डीएल बनवा सकता है। यहां बता दें कि ट्रैक्टर या ट्रक जैसे भारी वाहन चलाने के लिए कैंडीडेट की उम्र सीमा 21 साल है। देश के किसी भी जिले में संबंधित राज्य के ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा जारी किया गया डीएल पूरे देश में वाहन चलाने के लिए मान्य होता है, लेकिन डीएल बनवाने के लिए कैंडीडेट को संबंधित जिले में स्थायी निवास का प्रमाण पत्र पेश करना होता है।

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इतने प्रकार के होते हैं डीएल
अलग अलग तरह के वाहनों के आधार पर डीएल कई कैटेगरी वाले होते हैं। बिना गियर वाले टू व्हीलर वाहन के लिए डीएल, गियर वाले टू व्हीलर वाहन के लिए डीएल, जीप या कार जैसे हल्के फोर व्हीलर चलाने के लिए LMV डीएल, लाइट ट्रांसपोर्ट व्हीकल डीएल और हेवी गुड्स व्हीकल डीएल। जिले के RTO ऑफिस द्वारा जारी डीएल कई तरह के बनाए जाते हैं। पुराने पेपर डीएल के अलावा आजकल प्लास्टिक डीएल और कहीं कहीं स्मार्ट कार्ड जैसे डीएल भी जारी किए जाते हैं।

डीएल बनवाने का तरीका
RTO द्वारा किसी भी व्यक्ित को सबसे पहले लर्निंग लाइसेंस जारी किया जाता है, जो बनने की डेट से 6 महीने तक वैलिड रहता है, लेकिन कैंडीडेट लर्निंग डीएल बनने के एक महीने बाद परमानेंट डीएल बनवा सकता है। ध्यान रहे कि अगर किसी व्यक्ित से लर्निंग लाइसेंस बनने के 6 महीने के भीतर परमानेंट डीएल नहीं बनवाया तो लर्निंग लाइसेंस एक्सपायर हो जाएगा। फिर कैंडीडेट को डीएल के लिए दोबारा लर्निंग लाइसेंस बनवाना पड़ेगा। इसलिए लर्निंग लाइसेंस की एक्सपायरी डेट का ख्याल रखें।

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कैसे बनेगा लर्निंग लाइसेंस
सबसे पहले बनने वाले लर्निंग लाइसेंस को बनवाने के लिए आपको अपने जिले के RTO ऑफिस एक फॉर्म भरना होगा। इस फॉर्म में 4 पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ लगाने के अलावा इसके साथ डेट ऑफ बर्थ, आईडी और एड्रेस प्रूफ के डाक्यूमेंट्स की फोटोकॉपी भी अटैच करनी होगी। आईडी और ऐड्रेस प्रूफ के वेरिफिकेशन के लिए आपको ओरिजिनल डॉक्यूमेंट्स साथ रखने होंगे। RTO ऑफिस में संबंधित अधिकारी आपके फॉर्म को चेक करने के बाद आपसे लर्निंग लाइसेंसके लिए निर्धारित फीस जमा करेगा। इसके बाद आपको एक रिटेन टेस्ट के लिए भेजेगा। अलग अलग राज्यों में लिए जाने वाले लर्निंग लाइसेंस के इस टेस्ट में 10 से लेकर 20 तक ऑब्जेक्टिव क्वेचन पूछे जाते हैं। रोड ट्रैफिक रूल्स से जुड़े कॉमन सेंस वाले इन सवालों के सही जवाब के सामने आपको टिक मार्क करना होता है। इस टेस्ट पेपर में 60 परसेंट सवालों का सही जवाब देने पर आप क्वालीफाई हो जाएंगे। ये टेस्ट पेपर पास करने के अगले 7 दिनो के भीतर आपका लर्निंग लाइसेंस स्पीड पोस्ट या रजिस्टर्ड पोस्ट से आपके घर पहुंच जाएगा। कुछ राज्यो में डीएल बनवाने से जुड़ी पूरी प्रकिया ऑनलाइन कर दी गई है। ऐसे राज्यों के निवासी स्टेट ट्रांसपोर्ट की वेबसाइट पर जाकर जरूरी फॉर्म घर बैठे लाइनलोड कर सकते हैं। कई राज्यों में आप फॉर्म भरने से लेकर फीस भरने तक सारे काम ऑनलाइन भी कर सकते हैं।

लाइसेंस बनवाने के लिए ये डॉक्यूमेंट्स होंगे जरूरी।

1- रेजिडेंस प्रूफ जैसे - वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट, बिजली या टेलीफोन का बिल, हाउस टैक्स की रसीद, राशन कार्ड, सरकारी कर्मचारियों को जारी किए गए ऐड्रेस युक्त आईडी कार्ड, तहसील या डीएम ऑफिस से जारी किया निवास प्रमाण पत्र आदि

2- एज प्रूफ जैसे - बर्थ सर्टिफिकेट, हाईस्कूल/ 10वीं की मार्कशीट या सर्टिफिकेट, पैन कार्ड, सीजीएचएस कार्ड या मजिस्ट्रेट के सामने डेट ऑफ बर्थ का एफिडेविट

3- आईडी प्रूफ जैसे - पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट, राशन कार्ड आदि

4- पासपोर्ट साइज के चार कलर फोटो

5- खुद का पता लिखा खाली रजिस्टर्ड लिफाफा

6- फिजिकल फिटनेस का सेल्फ डिक्लरेशन

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कब और कैसे बनेगा परमानेंट लाइसेंस

लर्निंग लाइसेंस बनने के एक महीने के बाद आप अपना परमानेंट डीएल बनवा सकते हैं। इसकी प्रक्रिया में कागजी कार्यवाही कम करनी होती है। परमानेंट लाइसेंस बनवाने के लिए आपको RTO ऑफिस जाकर एक फॉर्म भरना होगा। इसके साथ अपना लर्निंग लाइसेंस अटैच करिए और परमानेंट लाइसेंस की फीस काउंटर पर जमा करिए। इसके बाद शुरु होगा आपको फिजिकल ड्राइविंग टेस्ट। यानि अब आपको टू व्हीलर, फोर व्हीलर या जिस व्हीकल  डीएल के लिए आपने एप्लाई किया है, वो वाहन आपको संबंधित अधिकारी के सामने सही ढंग से चलाकर दिखाना होगा। इस फिजिकल ड्राइविंग टेस्ट के लिए आपको अपना वाहन साथ लेकर जाना होगा। ये ड्राइविंग टेस्ट पास करने के लिए सबसे जरूरी बात यह है कि टेस्ट देते समय कभी भी अपनी ड्राइविंग को लेकर ओवर कॉन्फीडेंट न बनें। साथ ही सामने खड़े अधिकारी के निर्देशों को मानते हुए सभी ट्रैफिक रूल्स फालो करते हुए गाड़ी चलाएं। ये टेस्ट पास करने के 10 दिनों के भीतर आपका परमानेंट डीएल आपके घर पहुंच जाएगा। परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस पूरे देश में अगले 20 सालों तक वैलिड होता है। समय अवधि पूरी हो जाने पर डीएल को उसी RTO ऑफिस से रिन्यू कराना होता है।

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