Mobile Phone :-
(1) CDMA और GSM की पहचान करने का सबसे सरल माध्यम आपका स्मार्टफोन है। अगर आपके मोबाइल फोन में सिम कार्ड पड़ता है, तो समझ लीजिए यह GSM डिवाइस है। वहीं अगर हैंडसेट में सिम कार्ड डालने की फैसेलिटी नहीं है तो वह डिवाइस CDMA होती है। दरअसल सिम कार्ड एक रिमूवेबल कार्ड या चिप होता है, जो अन्य जीसीएम मोबाइल हैंडसेट से एकाउंट इंफॉर्मेशन को इंटरचेंज करता है।
(2) वहीं अगर आपका फोन सिम कार्ड सपोर्टेबल है, फिर भी वह GSM ही होगा। इसका पता लगाने के लिए आपको फोन खोलना होगा। सबसे पहले फोन का बैककवर हटाकर बैटरी को बाहर निकाल लें। ज्यादातर हैंडसेट में सिम कार्ड बैटरी के नीचे ही लगाया जाता है। वहीं अब स्मार्टफोन में सिम कार्ड स्लॉट साइड पर ही दे दिया जाता है।
Mobile Service Provider :- सभी हैंडसेट या तो CDMA सपोर्टेबल होंगे या फिर GSM। दोनों नेटवर्क एक फोन में कभी नहीं चल सकते। ऐसे में आप अपने सर्विस प्रोवाइडर से भी फोन करके जीएसएम और सीडीएमए की जानकारी ले सकते हैं।
CDMA और GSM में क्या होता है अंतर
CDMA और GSM मोबाइल नेटवर्क से हम सभी परिचित हैं लेकिन यह कैसे काम करता है। यह शायद बहुत कम लोग जानते होंगे। दरअसल CDMA ऐसा नेटवर्क सिस्टम है जो एक सीधी रेखा में चलता है। यानी कि अगर आप इस पॉथ पर एक बार चढ़ गए तो सफर पूरा करके ही उतरेंगे। यानी कि CDMA में कॉल करते समय एक बार कनेक्ट होते ही पूरी कॉल के बाद ही फोन डिसकनेक्ट होगा। लेकिन इसमें एकबार कॉल कनेक्ट होने में ही समय लग जाता है। वहीं GSM फुटकर प्रणाली है यानी कि अगर आपको कहीं जाना है तो उस रूट पर एक सवारी से न जाते हुए रास्ते में सवारी बदल-बदल कर पहुंचना। वैसे यह कारगर तो साबित होता है लेकिन जिस समय रूट पर ट्रैफिक बढ़ जाता है तो कॉल बीच में ही डिसकनेक्ट हो जाती है।
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