वाशिंगटन (पीटीआई)। वैज्ञानिकों ने पहली बार चंद्रमा की उस मिट्टी में पौधे उगाए हैं, जो मिट्टी अपोलो मिशन पर गए अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा पृथ्वी पर वापस लायी गई थी। बता दें कि यह चंद्रमा पर या भविष्य के अंतरिक्ष मिशन के दौरान भोजन और ऑक्सीजन को पैदा करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अमेरिका में फ्लोरिडा विश्वविद्यालय (यूएफ) के शोधकर्ताओं ने दिखाया कि पौधे चांद की मिट्टी में सफलतापूर्वक अंकुरित और विकसित हो सकते हैं।
चांद की मिट्टी में उगाए गए पौधे कैसे करते हैं प्रतिक्रिया
जर्नल कम्युनिकेशंस बायोलॉजी में प्रकाशित उनके अध्ययन में यह भी जांच की गई कि पौधे चंद्रमा की मिट्टी पर जैविक रूप से जो प्रतिक्रिया करते हैं, जिसे मून रेजोलिथ भी कहा जाता है, जो पृथ्वी पर पाई जाने वाली मिट्टी से बहुत अलग है। यह शोध सामने आने के बाद NASA के Artemis स्पेस प्रोग्राम में मनुष्यों को चंद्रमा पर वापस ले जाने की योजना बनाई गर्ई है। इस रिसर्च के लेखकों में से एक और यूएफ इंस्टीट्यूट ऑफ फूड एंड एग्रीकल्चरल साइंसेज के प्रोफेसर रॉब फेरल ने कहा, अंतरिक्ष में पौधों को कैसे विकसित किया जाए, आर्टेमिस को इसकी बेहतर समझ की आवश्यकता होगी। प्रो फेरल कहते हैं कि भविष्य में लंबे समय तक चलने वाले अंतरिक्ष मिशन के दौरान हम चंद्रमा को हब या लॉन्चिंग पैड के रूप में उपयोग कर सकते हैं।
BIG NEWS: Researchers grew plants in lunar soil for the first time! 🌱🌖
— NASA Space Science (@NASASpaceSci) May 12, 2022
Congrats to @UF on growing Arabidopsis plants in regolith collected during the Apollo era. We&यll study the same species on #Artemis I as we prep to return to the Moon. https://t.co/fsollo0lvX pic.twitter.com/ZsjKKZXu9v
नासा ने लोन के रूप में दी थी 2 ग्राम मिट्टी
बता दें कि वैज्ञानिकों की इस टीम ने लूनर स्वाइल में पौधे उगाने के लिए एक सिंपल सा प्रयोग किया। अपोलो मिशन 11, 12, और 17 पर गई स्पेस टीम द्वारा जो मिट्टी चांद से लायी गई थी, उस मिट्टी को पाने के लिए इस रिसर्च टीम ने 11 सालों के दौरान नासा में तीन पर एप्लाई किया । जिसके बाद इन्हें नासा ने 12 ग्राम चांद की मिट्टी लोन के रूप में दी, जो चाय के कुछ चम्मच के बराबर थी। इसके बाद टीम ने प्लास्टिक का छोटा सा लूनर गार्डन बनाने की कोशिश की। इस प्लास्टिक गार्डन के छोटे छोटे कुओं में करीब एक ग्राम मिट्टी भरी गई, फिर उसमें पानी, जरूरी न्यूट्रीशंस और अरबिडोप्सिस पौधे के बीज बोए और प्रकाश में रखने के बाद, इसके रिजल्ट रिकॉर्ड किए। शोधकर्ताओं ने पाया कि चंद्र मिट्टी में लगाए गए लगभग सभी बीज अंकुरित होने में सक्षम थे। जिसे देखकर हम चकित रह गए।
For the first time ever, scientists have grown plants in lunar soil.
— NASA (@NASA) May 12, 2022
This @UF and @NASASpaceSci experiment using Apollo Moon samples could shape the future of sustainable astronaut missions to deep space. Dig into the story: https://t.co/ZtUvowKi8e pic.twitter.com/PWGzev7lmN
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