स्थानीय मीडिया का कहना है कि यह मांग तभी पूरी की जा रही है जब नेता इसके लिए आग्रह कर रहे हैं.
श्रीलंका के अख़बार डेली मिरर ने एक रोज़ पहले ख़बर दी थी कि संस्कृति और कला मंत्री टीबी इकानायके ने देश चोगम यानी राष्ट्रमंडल देशों के प्रमुखों की बैठक में शामिल हो रहे नेताओं को सलाह दी कि वे अपनी जन्मकुंडलियां बगैर कुछ अदा बनवा सकते हैं.
ये जन्मकुंडलियां कोलंबो के इलाक़े बट्टारमुल्ला ज़िले में नए खुले ज्योतिष सेंटर से बनाई गईं. बट्टारमुल्ला चोगम बैठक का एक केंद्र भी था.
श्रीलंका के समाज में ज्योतिष को काफ़ी अहमियत हासिल है. कहा जाता है कि कई राजनीतिज्ञ वहां अक्सर अपने ज्योतिषियों से सलाह-मश्विरे करते रहते हैं ताकि वे किसी ख़ास काम के लिए दिन, घंटे और मिनट के बारे में फ़ैसला ले सकें.
इनमें चुनावों में हिस्सा लेने से लेकर अपने दफ़्तर जाने तक के काम शामिल हैं.
हालांकि भविष्यवक्ताओं को एक परेशानी का सामना भी करना पड़ा.
इकानायके ने डेली मिरर को बताया था, ''एशियाई देशों से आए लोगों के लिए जन्मकुंडली बनाना पश्चिमी देशों के लोगों के मुक़ाबले आसान है क्योंकि वे अपने जन्म समय के बारे में जानते हैं.''
किसी के सही जन्म समय का ज्ञान, तारीख और जगह का पता होने को ज्योतिषीय गणनाओं के लिए बहुत ज़रूरी माना जाता है.
मुफ़्त में जन्मकुंडलियों को बनाने का यह ऑफ़र सिर्फ़ देशों के प्रमुखों के लिए ही था. प्रतिनिधिमंडल में शामिल आम प्रतिनिधियों के लिए यह मुफ़्त नहीं था.
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