यह जानकारी दक्षिण अफ़्रीका की सरकार ने दी.
श्रीयन की पत्नी 28 वर्षीया अन्नी भारतीय मूल की स्वीडिश नागरिक थीं और उनकी नवंबर, 2010 में दक्षिण अफ़्रीका में हत्या हुई थी.
श्रीयन ने इन आरोपों से इनकार किया है और वह इस प्रत्यर्पण के ख़िलाफ़ इंग्लैंड की एक अदालत में मुक़दमा लड़ रहे थे.
ब्रिस्टल के रहने वाले 33 वर्षीय श्रीयन देवानी आठ अप्रैल को केपटाउन पहुँचेंगे. दक्षिण अफ़्रीका के न्याय विभाग ने प्रत्यर्पण की तारीख़ की पुष्टि की है.
याचिका ख़ारिज
श्रीयन के प्रत्यर्पण के ख़िलाफ़ आख़िरी याचिका इसी महीने की शुरुआत में ख़ारिज हो गई थी. अदालत ने उन्हें 28 दिन में प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया है.
श्रीयन के वकील चाहते थे कि उनके मामले की सुनवाई देश की सर्वोच्च अदालत में हो लेकिन न्यायाधीशों की पीठ ने उनकी मांग नामंज़ूर कर दी. उनके पास यूरोपीय मानवाधिकार अदालत में अपील करने का विकल्प है.
पेशे से कारोबारी श्रीयन को राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम के तहत अनिवार्य हिरासत में रखा गया है क्योंकि वो अवसाद और त्रासदी के बाद लगने वाले सदमे से पीड़ित हैं.
जनवरी में उच्च न्यायलय ने कहा था कि उनका प्रत्यर्पण 'अन्यायपूर्ण और शोषणकारी' नहीं होगा क्योंकि दक्षिण अफ़्रीका ने उस समय सीमा के बारे में आश्वस्त किया है जिसमें बग़ैर मुक़दमा चले श्रीयन को हिरासत में रखा जा सकेगा.
दक्षिण अफ़्रीकी में सरकारी वकीलों के मुताबिक़ श्रीयन ने ही अपनी पत्नी की हत्या करवाई है.
हनीमून पर हत्या
अन्नी देवानी की हत्या तब हुई थी, जब यह दंपति केपटाउन के पास एक क़स्बे में टैक्सी से सफ़र कर रहा था. उन दोनों को कुछ लोगों ने बंदूक की नोंक पर अगवा कर लिया था.
श्रीयन इस घटना में बच गए लेकिन उनकी पत्नी का शव अगले दिन बरामद हुआ था. अन्नी की हत्या के लिए तीन लोगों को दोषी पाया गया है.
दक्षिण अफ़्रीकी नागरिक ज़ोलिले मंगेनी को हत्या की योजना बनाने और हत्या के लिए आजीवन कारावास की सज़ा मिली है. अभियोजन पक्ष का दावा था कि उसे हत्या करने के लिए पैसे दिए गए थे.
उस टैक्सी के ड्राइवर ज़ोला टोंगो को हत्या में शामिल होने की बात स्वीकार करने पर अदालत ने 18 साल की सज़ा दी.
इस हत्या में शामिल एक अन्य व्यक्ति मंजीवामदोदा ओवाबे ने भी हत्या में शामिल होने की बात स्वीकार कर ली थी. अदालत ने उन्हें 25 साल क़ैद की सज़ा दी.
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