-कपड़ा फाड़ के नाम से मशहूर लोकनाथ की होली में दोनों दिन उमड़ा युवाओं का समूह
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PRAYAGRAJ: प्रयागराज का लोकनाथ चौराहे पर कपड़ा फाड़ होली खेलने के लिए एक सप्ताह से पहले से ही युवाओं का उत्साह चरम पर पहुंचने लगता है. उस परंपरा को जीवंत रूप देने के लिए रंग पर्व के दो दिनों तक शहर के कोने-कोने से युवाओं की टोलियों ने पहुंचकर ना केवल कपड़ा फाड़ होली में उल्लास दिखाया. बल्कि प्राकृतिक रंगों से भरे एक दर्जन से अधिक बड़े-बड़े टैंकर व तन-मन को मदमस्त कर देने वाले फिल्मी गीतों की प्रस्तुति पर जोश और जुनून के साथ रंगों की बौछार में तर-बतर होते रहे.
युवाओं की जुबां पर लोकनाथ
होली के दौरान चाहे गुरुवार का दिन रहा हो या फिर शुक्रवार. दोनों दिन ऐसा लगा मानों युवाओं का समूह ही समूह सुबह नौ बजे से लेकर दोपहर एक बजे तक लोकनाथ पर दिखाई दिया. शहर का कोई एरिया ऐसा नहीं था जहां युवाओं की टोली गली-मोहल्ले में होली खेलने के बाद लोकनाथ पर ना पहुंची हो. हर दूसरे युवा की जुबां पर 'चल यार लोकनाथ की कपड़ा फाड़ होली खेलने चले' तैरता रहा. यही वजह रही कि लोकनाथ मिलन संघ की अगुवाई में आयोजित कपड़ा फाड़ होली में लोकनाथ चौराहे के आसपास हजारों युवाओं का हुजूम उमड़ पड़ा.
कभी नाकाबंदी तो कभी जुम्मा चुम्मा
-लोकनाथ चौराहे के चार कोने पर डीजे सिस्टम लगाया गया था.
-प्राकृतिक रंगों से भरे एक दर्जन से अधिक टैंकर युवाओं को मदमस्त करने के लिए रखे गए थे.
-डीजे की धुन पर कभी नाकाबंदी-नाकाबंदी तो कभी जुम्मा चुम्मा दे दे जैसे लोकप्रिय गीतों पर हजारों युवा जमकर नाचते रहे.
-अपनी तो ऐसे तैसे कट जाएगी, तेरी आंख्यां का यो काजल, रंग बरसे भीगे चुनर वाली गीतों की प्रस्तुति भी खूब हुई.
-इस दौरान युवाओं ने एक-दूसरे का कपड़ा फाड़कर जमकर डांस किया.
-इतना ही नहीं कपड़ा फाड़ कर युवाओं ने उसे हवा में उड़ाया तो घरों की छत पर मौजूद लोगों ने भी युवाओं की टोली पर जमकर अबीर-गुलाल की बारिश की.
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दमकल योद्धाओं ने दिखाया दमखम
होली के अवसर पर प्रयागराज सेवा समिति की ओर से दारागंज में ऐतिहासिक दमकल युद्ध का नजारा दिखाया गया. पंडित धर्मराज पांडेय, शंकर शर्मा, योगराज शास्त्री, शक्ति राज पांडेय जैसे योद्धाओं ने राफेल, आतंकी अजहर मसूद, किम जोंग जैसी दमकल में प्राकृतिक रंग भरकर सबसे पहले उसे भगवान बेणी माधव के चरणों में समर्पित किया. फिर उनका तीर्थराज पांडेय, सुभाष वैश्य, दिनेश व पिंटू शुक्ला के साथ रंगों से युद्ध शुरू हुआ. डीजे की धुन पर सभी योद्धाओं ने दमकल से ऐसा रंग निकाला कि हर कोई रंगों से सराबोर हो गया. समापन पर गोबर की गुझिया से आतंकवादियों को विदाई दी गई. साथ ही मोहम्मद अकरम के द्वारा सभी योद्धाओं को स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र देकर शगुन गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया. संयोजन तीर्थराज पांडेय का रहा.