कानपुर। Holi 2020: होली का त्योहार अब निकट है तथा अगले महीने की 9 तारीख को ही होलिका दहन है। इस दिन होलिका माई को दहन कर बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव मनाया जाता है। बता दें कि घरों में इस त्योहार की तैयारी 15 दिन पहले से ही होने लगती है। दरअसल विधि- विधान से होलिका दहन करने के लिए कई चीजों की आवश्यकता होती है तो उसकी तैयारियां 15 दिन पहले से यानि कि शिवरात्रि से ही होने लगती है। तो चलिए आपको बताते हैं होलिका दहन के समय ऐसी वस्तुओं के बारे में जो 15 दिन पहले से ही घर- घर में बनने लगती है।
15 दिन पहले से शुरु हो गईं तैयारियां
होली के 15 दिन पहले गोबर से सात बल्ले बनाएं और बाद में फिर अपनी इच्छानुसार कई और बल्ले बना लें। नारियल, पान, पारा, पीड़ा, तवा, बेलन, चकला और कई तरह के डिजाइन के बल्ले बना लें। होली के बल्ले बनाना 28 फरवरी 2020 से प्रारम्भ करें और फाल्गुन मास के शुक्लपक्ष की एकादशी तक बनाएं। गोबर की पांच ढ़ाल, एक तलवार, चांद, सूरज, एक नारियल, रोटी, एक होलिका माई और एक यान बनाएं। यदि आपके घर में इस वर्ष बेटा हुआ है या फिर जिनके घर में बेटे का विवाह हुआ है तो वो इस विधि को अवश्य करें। गोबर की 13 सुपाड़ी भी बनाएं। ध्यान रहे कि ढ़ाल आदि बनाने के बाद बल्ले नहीं बनाने हैं।
होलिका दहन के वक्त गोबर से बनी ये चीजें चढ़ाएं
यदि किसी के घर में कोई रस्म होती है तो वह ढ़ाल तथा होलिका माई को रोली, मेहंदी तथा आटे से सजा ले। होलिका माई की आंख बनाने के लिए उसमें कौड़ी लगा दें। होली के दिन जब होलिका दहन हो रहा हो तब नारियल की रस्सी में सबसे बड़ा बल्लों की माला पिरोएं और उस पर सब प्रकार के खिलौने, ढ़ाल, तलवार तथा सभी चीजें पिरोएं। एक- एक माला में आठ बल्ला, एक पान, सुपाड़ी और नारियल पिरोएं। होलिका दहन के लिए 13 सुपाड़ी माला में पिरोएं। रात को होली के गीत अवश्य गाएं।
- ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक पांडेय