चंडीगढ़ (पीटीआई)। हॉकी के दिग्गज बलबीर सिंह सीनियर की तबियत इस समय काफी खराब है। बलबीर वेंटीलेटर पर हैं और लगभग बेहोशी की अवस्था में हैं। उनके दिमाग में रक्त का थक्का जम गया। तीन बार के ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट रहे बलबीर सिंह की उम्र 95 साल है। उन्हें पिछले हफ्ते लगातार तीन हार्ट अटैक आने से अस्पताल में एडमिट कराया गया। बलबीर सिंह के नाती कबीर सिंह ने बताया, फिलहाल उन्हें कोई और हार्ट अटैक नहीं आया मगर उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।
डाॅक्टर की निगरानी में है बलबीर
कबीर ने कहा, "स्थिर और निकटस्थ स्थिति में हेमोडायनामिक रूप से स्थिति गंभीर है। अभी हृदय संबंधी घटना नहीं है। उनकी एमआरआई हुई जिसमें दिमाग में रक्त के थक्के दिखाई दिए। जिसके चलते वह अर्ध बेहोशी में हैं। यही नहीं उनके फेफड़ों में ताजा निमोनिया पैच के बारे में भी पता चला है। कबीर ने कहा, "उपचार का प्रयास किया जा रहा है। वह वेंटिलेटर पर हैं। डॉक्टर लगातार उनकी स्थिति का आकलन कर रहे हैं।'
काफी समय से अस्पताल में भर्ती
हॉकी के महान खिलाड़ी बलबीर सिंह को पिछले हफ्ते मंगलवार सुबह कार्डियक अरेस्ट हुआ था और तब से वेन्टिलेटर सपोर्ट पर हैं। उन्हें बुधवार को दो और दिल का दौरा पड़ा। बलबीर को 8 मई को तेज बुखार के साथ मोहाली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पिछले साल जनवरी में, उन्हें अस्पताल में 108 दिन बिताने के बाद पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ से छुट्टी दे दी गई, जहाँ उन्होंने ब्रोन्कियल निमोनिया का इलाज करवाया।
हाॅकी के दिग्गज हैं बलबीर सिंह
देश के महानतम एथलीटों में से एक, बलबीर सिंह आधुनिक ओलंपिक इतिहास में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा चुने गए 16 दिग्गजों में से एकमात्र भारतीय थे। ओलंपिक के पुरुष हॉकी फाइनल में एक व्यक्ति द्वारा बनाए गए अधिकांश गोलों के लिए उनका विश्व रिकॉर्ड अभी भी बरकरार है। उन्होंने 1952 के हेलसिंकी खेलों के स्वर्ण पदक मैच में नीदरलैंड पर भारत की 6-1 की जीत में पांच गोल किए थे। उन्हें 1957 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। वह 1975 में भारत की विश्व कप विजेता टीम के प्रबंधक भी थे।