हिंदुस्तान मोटर्स ने साल 1958 में एंबेसेडर कार को बनाना शुरु किया था। कहा जाता है कि ये गाड़ी ब्रिटेन के मोरिस ऑक्सफोर्ड सिरीज 3 कार के मॉडल से प्रेरणा लेकर तैयार की गई थी।
एंबेसडर पहली ऐसी कार थी जिसका निर्माण भारत में किया गया। उस वक्त भारत में इसे स्टेटस सिंबल माना जाता था। यह एक ऐसी कार थी जिसे आम आदमी से लेकर बड़े-बड़े राजनेता इस्तेमाल करते थे। सफेद एंबेसडर पर लाल बत्ती वाली गाड़ी ही यूज की जाती थी।
बताते हैं हर साल करीब 25 हजार गाड़ियां हर साल बिकती थीं। 1980 के दशक में मारुति सुजुकी के भारत आने के बाद भारतीय बाजार में इसका वर्चस्व कम हुआ। क्योंकि मारुति की यह नई गाड़ी एंबेसेडर से कम कीमत पर मिलती थी।
ब्रिटेन से प्रेरणा लेने के बावजूद एंबेसेडर को हमेशा ही इंडियन कार कहा जाता रहा है। इसे 'किंग ऑफ इंडियन रोड' का दर्जा भी मिला। इसके कई मॉडल और वर्जन आए। इनमें मार्क 1, मार्क 2, मार्क 3, मार्क 4, एंबेसेडर नोवा, एंबेसेडर 1800 आईएसजेड प्रमुख हैं। ये सभी 1992 के पहले लॉन्च किए गए।
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