कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Hindenburg Report: अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग अपनी रिपोर्ट्स को लेकर चर्चा में रहती है। इस बार भी हिंडनबर्ग ने एक नयी रिपोर्ट पेश की है। जिसको लेकर एक बार फिर हिंडनबर्ग खबरों में है। आपको बता दें कि इस बार हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में सेबी चीफ और अडाणी ग्रुप के बीच मिलीभगत का आरोप लगाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सेबी चीफ माधुरी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की हिस्सेदारी अडाणी के विदेशी फंड में है। हालांकि बुच दंपति ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर गरमायी राजनीति
हिंडनबर्ग की इस रिपोर्ट के बाद से ही राजनीति गरमा गई है। राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चा चल रही हैं। राजनीतिक बयानबाजी काफी तेज हो गई है। आपको बता दें कि इससे पहले भी जब हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आयी थी, तो उसका असर अडाणी की संपत्ति पर देखने को मिला था।
आखिर है क्या हिंडनबर्ग
अपनी हर रिपोर्ट से बवाल मचा देने वाले हिंडनबर्ग को लेकर लोगों में काफी एक्साइटमेंट है। लोग जानना चाहते हैं कि हिंडनबर्ग आखिर है क्या, दरअसल हिंडनबर्ग एक अमेरिकी शार्ट सेलर फर्म है। जिसकी शुरूआत 2017 में नाथन एंडरसन ने की थी। अब बात करे कि शार्ट सेलिंग है क्या, तो आपको बता दें कि ये एक ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी है। इसमें एक व्यक्ति किसी खास कीमत पर एक स्टॉक खरीदता है और फिर ज्यादा कीमत पर उसे बेच देता है। इससे व्यक्ति को काफी फायदा होता है। इसके साथ ही इसमें ब्रोकर्स से शेयर उधार लेकर दूसरी जगह पर इन्वेस्ट किया जाता है। हिंडनबर्ग किसी भी कंपनी में हो रही गड़बड़ी का पता लगाकर उस पर एक रिपोर्ट तैयार करता है। जिसके बाद इस रिपोर्ट को पब्लिश किया जाता है। इसके साथ ही ये कंपनी अकाउंट में गड़बड़ी, मैनेजमेंट में होने वाली गड़बड़ी और अनडिस्क्लोज्ड रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शंस पर भी विशेष नजर रखती है। हिंडनबर्ग स्टॉक मार्केट में होने वाली गड़बड़ी के साथ ही मिस मैनेजमेंट पर भी ध्यान देती है। ये अभी तक 16 कंपनियों के बारे में रिपोर्ट पब्लिश कर चुकी है।
हिंडनबर्ग का मालिक आखिर कौन
हिंडनबर्ग की शुरूआत नाथन एंडरसन ने 2017 में की थी। नाथन एंडरसन ने यूनीवर्सिटी ऑफ कनेक्टीकट से इंटरनेशनल बिजनेस में ग्रेजुएशन किया है। ग्रेजुएशन के बाद एंडरसन नें अपने करियर की शुरूआत एक डेटा कंपनी फैक्टसेट रिसर्च सिस्टम्स इंक से की। इसके साथ ही उन्होंने कई सारी इन्वेस्टमेंट कंपनियों के लिए भी काम किया।
हिंडनबर्ग नाम के पीछे क्या है कहानी
हिंडनबर्ग अपनी रिपोर्ट के साथ ही अपने नाम को लेकर भी चर्चा में रहता है। दरअसल हिंडनबर्ग के नाम का कनेक्शन 1937 में हुए एक एयरशिप एक्सीडेंट से है। 6 मई 1937 को न्यू जर्सी के मैनचेस्टर टाउनशिप में हिंडनबर्ग नाम के एक एयरशिप का एक्सीडेंट हुआ था। जिसके पीछे नाजी दौर का एक स्वास्तिक बना हुआ था। हवा में तेज धमाके के साथ हिंडनबर्ग में आग लग गई। इस हादसे में कई लोगों की मौत हुई। इस एयरशिप के नाम पर ही कंपनी का नाम रखा गया है।
National News inextlive from India News Desk